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छोड़ो जाने दो...

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*छोड़ो जाने दो* मेरी बातें कोई न माने, छोड़ो जाने दो ! सत्य को कोई न स्विकारे, छोड़ो जाने दो !! कब तक मैं सर पिटता रहूं, न्याय की गुहारों से ! भीगे भीगे नैना हैं, आँसुओं की फुहारों से !! दर्द तो बेहिसाब हैं, छोड़ो जाने दो ! सत्य को कोई न स्विकारे, छोड़ो जाने दो !!१!! विश्वास अंधविश्वास है, सत्ता सवर्णों की ! भोली भाली जनता है, गुलामी अवर्णों की !! कोई अपना अधिकार न जाने, छोड़ो जाने दो ! सत्य को कोई न स्विकारे, छोड़ो जाने दो !!२!! लोग काले काले नोट हैं, आज के परिवेश में ! भ्रष्टाचार बलात्कार छाया, देखो हमारे देश में !! आँखें खुली फिर भी बंद, छोड़ो जाने दो ! सत्य को कोई न स्विकारे, छोड़ो जाने दो !!३!! करते कैसे सड़यंत्र, समरसता एक ढ़ोंग ! समानता की बात कहाँ, उच्चता लेप लिए ओंग !! मीठी मीठी बातें हैं, छोड़ो जाने दो ! सत्य को कोई न स्विकारे, छोड़ो जाने दो !!४!! करवँटे बदलता असहिंष्णुता, नही दिखता क्यों ! अत्याचार का भरता घड़ा, फुटता नही क्यों !! क्यों है प्रश्नवाची ईश्वर, छोड़ो जाने दो ! सत्य को कोई न स्विकारे, छोड़ो जाने दो !!५!! कुछ दिनों से छाया है, छद्म राष्ट्रभक

कैसी ये ज़िन्दगी?

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*कैसी ये ज़िन्दगी* रंग नही रूप नही धूप ही धूप है कैसी ये ज़िन्दगी करेले का सूप है..!!1!! अंश नही वंश नही दंश ही दंश है कैसी ये ज़िन्दगी टूटा हुआ कंश है !!2!! मूल नही फूल नही धूल ही धूल है कैसी ये ज़िन्दगी चुभता हुआ शूल है !!3!! तंज नही गूँज नही रंज ही रंज है कैसी ये ज़िन्दगी पीर का पुञ्ज है !!4!! दाग नही झाग नही घाग ही घाग हैं कैसी ये ज़िन्दगी आस की आग है !!5!! हाथ नही नाथ नही अनाथ ही अनाथ है कैसी ये ज़िन्दगी छूटा हुआ साथ है !!6!! ढोंग नही रोग नही जोग ही जोग है कैसी ये ज़िन्दगी अँधेले का भोग है !!7!! मोल नही झोल नही अनमोल ही अनमोल है कैसी ये ज़िन्दगी ग्लोब सा गोल है !!8!! पाप नही पुन्य नही धन्य ही धन्य है कैसी ये ज़िन्दगी सार ही शून्य है !!9!! *रचनाकार:असकरन दास जोगी* मो.नं. 9340031332 www.antaskegoth.blogspot.com