गौ रक्षक नहीं मैं गोसाई हूँ

गौ रक्षक नहीं मैं गोसाई हूँ

मेरी गायें
मुझे देखकर
रम्भाने लगती हैं
उनकी आस
उनकी आँखों में
दिखता है
मेरा भी
गहरा प्रेम
उन्हें मिलता है
मुझे चिंता
रहती है कि
मेरी गायों को
चारा पानी
मिला या नहीं
सचेत कुछ
गम्भीर विषयों पर
रहना पड़ता है
जैसे गायें
रेल में न कटे
पन्नी न निगल लें
सड़कों पर न जायें
और ठोकर भी न खायें
मैं अपनी गायों को
आवारा घूमने
नही देता
आज कल
चिंता का विषय
यह भी है
गाँवों में
गौचर खत्म
हो गए
लोग बेज़ा कब्जा
अधिक कर लिए
फसल हार्वेस्टर से
काटते हैं
पैरा घांस मिलता नहीं
लोग दुख बांटते हैं
मैं गायों की सुरक्षा
करने तत्पर हूँ
पर गौ रक्षा के नाम पर
आतंक नहीं मचाता
कुछ लोग
गाय गोबर गौ मूत्र
पे भाषण पेल रहे हैं
जिनके घर में
गाय भी नहीं
और जनता झेल रहे हैं
कुछ लोग मुझ पर भी
आरोप लगा रहे थे
मैंने भी लोगों से
बोल दिया
गौ रक्षक नहीं मैं गोसाई हूँ  |

असकरन दास जोगी
मो. 9340031332
www.antaskegoth.blogspot.com

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