राजहंस
राजहंस अप्रतिम अद्वितीय हो मानसरोवर के वासी हो मैने कभी देखा नहीं सुना है मोती चुगते हो ? आत्मा के प्रतीक हो जोड़ो में जब रहते दाम्पत्य का पर्याय हो ऐसा बहुतों ने पढ़ा है क्या सच में होते हो ? नीर-क्षीर अलग करते हो नीर त्याग क्षीर पीते हो किंवदन्ती थोड़ी है सच में इतना धीमान हो ? यूरोपी कवि कहते गायक हो सुरों से अधिनायक हो मैने कभी सुना नहीं बोलो भला सच में गाते हो ? राजा की झील में रहते हो गरीबों से कहानी में मिलते हो मैं चाहकर भी नहीं मिल पाता आप तो राजहंस हो ! असकरन दास जोगी