राजहंस

राजहंस

अप्रतिम अद्वितीय हो
मानसरोवर के वासी हो
मैने कभी देखा नहीं
सुना है मोती चुगते हो ?

आत्मा के प्रतीक हो
जोड़ो में जब रहते दाम्पत्य का पर्याय हो
ऐसा बहुतों ने पढ़ा है
क्या सच में होते हो ?

नीर-क्षीर अलग करते हो
नीर त्याग क्षीर पीते हो
किंवदन्ती थोड़ी है
सच में इतना धीमान हो ?

यूरोपी कवि कहते गायक हो
सुरों से अधिनायक हो
मैने कभी सुना नहीं
बोलो भला सच में गाते हो ?

राजा की झील में रहते हो
गरीबों से कहानी में मिलते हो
मैं चाहकर भी नहीं मिल पाता
आप तो राजहंस हो !

असकरन दास जोगी

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