अच्छा तो नहीं

*#अच्छा_तो_नहीं ?*

मोहब्बत करना था तो
हमीं से
या उसी से कर लेती
अपनी अदाओं से
यूँ आशिक़ों पर
दामिनी गिराना
अच्छा तो नहीं ?
बातें हमसे भी
बातें उनसे भी !
इतना वक्त
कहाँ से लाती हो ?
सुनो डिजिटल
मोहब्बत में
किसी को पोपट बनाना
अच्छा तो नहीं ?
तब भी यकीन नही हुआ
और अब भी
तुम साथ आना नही चाहती
और साथ छोड़ना भी
कौन सी मिट्टी की बनी हो ?
किसी को
मिट्टी में मिलाना
अच्छा तो नहीं ?
अब कहते-कहते
एक तल्ख़ी
खुद पर भी...
नज़र सम्हाल कर चलना था
जब ठोकर खा चुके हो
तो किसी से
नज़र मिलाना
अच्छा तो नहीं ?

*#रचनाकार_असकरन_दास_जोगी*

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