कुछ बचता नही
*#कुछ_बचता_नहीं*
प्रेम में
कवि का दिल लगना
या दिल टूटना
यह उसके लिए
बहुत बड़ा
सौभाग्य होता है
प्रेयसी से संयोग हो
या वियोग
मस्तिष्क में
खजाने आ जाते हैं
शब्दों की
और कवि
उन शब्दों से खेलता है
और वे शब्द
कवि से
फिर कलम रूकती नहीं
कभी दर्द उकेरता है
कभी खुशी
परिस्थिति का
जो भी भाव हो
कुछ बचता नहीं |
*#असकरन_दास_जोगी*
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