अनुदेश

*#अनुदेश*

किसी कैदी से पूछना
किन अनुदेशों का
वह पालन करता है
और कैसे
जी भी लेता है

हमेशा मुस्कुराते दिखे तो
यह न सोंचना
वह खुशमिजाज़ है
शायद दर्द अंदर हो
जो बाहर दिखता नहीं

लोहे की सरियों से भी
मजबूत होती है
हमारे संस्कारों की सलाखें
जिसे हम चाहकर भी
तोड़ नहीं सकते

हमारे परिवार के सम्मान को
जो कायम रखे
ऐसे कार्यों के लिए ही
कदम उठे...
बिगड़ने के तो कई रास्ते हैं

हम जहाँ भी जाते हैं
संस्कारों के अनुदेश
हमारे प्रत्यक्ष होते ही हैं
और उसका पालन करना
हमारा कर्तव्य बन जाता है
सुनों...
अनुदेश अच्छे होते हैं |

*#असकरन_दास_जोगी*

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