टस ले मस

*#टस_ले_मस*

न जस न अबजस
उही घड़ी उही बेरा
तैं दे दे मोला
जस के तस

कोनो आवय
कतको आ जावय
फेर दूसर बर
नइ होवय मन
टस ले मस

जउँहर हे
ए सुरता के डोरी
कतको दूरिहा जाबो
फेर राखही
हमला बाँध के
कस के कस

भरोसा रखबो
अंतस के बात म
कइसे हमा पाही ?
एक-दूसर के मन म
घसघस
दउँड़त हे मया
नस ले नस |

*#असकरन_दास_जोगी*

Comments

Popular posts from this blog

दिव्य दर्शन : गिरौदपुरी धाम(छत्तीसगढ़)

पंथी विश्व का सबसे तेज नृत्य( एक विराट दर्शन )

खंजर