अंतर्ध्यान
*#अंतर्ध्यान*
क्षितिज में जाकर
अदृश्य हो जाना ही
अंतर्ध्यान है
दृष्टि की दूर दृष्टि में
कहीं भी
नज़र न आना ही
अंतर्ध्यान है
अपने विचारों को जागृत कर
अज्ञातवास में
देंह त्याग देना ही
अंतर्ध्यान है
ज्ञान को अपनाकर
सत पथ में
निराकार हो जाना ही
अंतर्ध्यान है
कल्पनाओं की कहें तो
एकाएक
गायब हो जाना ही
अंतर्ध्यान है
खुद को पहचानने के लिये
मन की रामत से
आत्मा को
सत में रमा देना ही
अंतर्ध्यान है |
*#असकरन_दास_जोगी*
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