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बैसुरहा देवाना-03

*#बैसुरहा_देवाना-03* तोर अंतस के काँची म कही त मोर मया के तेल ढार दँव देख फेर... चुपर के तेलतेलाबे झन.... नहीं त कभु-कभु मैं केवाँछ डारे असन गोठियाथँव रगबगा जाही आठो अंग हर गोबर पानी म ...