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Showing posts from July, 2020

अगर मैं साथी नही

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#अगर_मैं_साथी_नही..... तुम मुझे याद दिलाती रहती हो मुझे पाने के लिए मत सोचो तुम्हें याद होना चाहिए मैने पहले ही कहा था मुझमें कोई ज़िद नही जिसको गुलाब मिलना होता है उसे मिल ही जाता है तुम कहती हो मोह न करो प्रेम करो क्या करें आख़िर इंसान ही तो हैं मोह और प्रेम दोनो है लेकिन तय तो रहता है एक समय के बाद मोह को ख़त्म होना ही होता है और प्रेम... प्रेम को अंतिम सांस तक रहना होता है सुनों...एकतरफ़ा प्रेम का अनुभव है मुझे दूरियाँ क्या होती है और इंसान इसमें कैसे जिता है सब आता है मुझे जानते तो हो ... कौन ?...से फिर आप हुए और देखो न कहते-कहते बात तुम तक पहुंची है सच कहें हम होने का सपना सबका होता है हम होना मतलब तुम्हें बाँधना नही तुम्हारे पंखों को कुतरना नही हम होना मतलब साथी होना अगर मैं साथी नही तो साथ छोड़ भी सकती हो पता है... आप और तुम तो चलता ही रहता है | #असकरन_दास_जोगी

कोई पूछना नही

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*#कोई_पूछना_नही* मैं वहाँ नहीं जा सकता इसलिए यहाँ आ जाता हूँ घड़ी दो घड़ी बस ठहर लेता हूँ लेकिन कोई पूछना नही यही की कहाँ...? मैं जब उनसे बात नही कर पाता हूँ इसलिए पल दो पल खुद से बातें कर लेता हूँ किन्तु कोई पूछना नही यही की किनसे....?? हम अपने रिक्त में सबसे ज्यादा भरे-भरे होते हैं जैसे वृक्ष मौन तो दिखता है परन्तु बहुत कुछ बोलता है बस कोई पूछना नही वह क्या बोलता है....??? यहाँ कुछ पंछी इनके साथी हैं मित्रता के गीत गाते हैं आपस में प्रेम बहुत है मगर कोई पूछना नही कब तक साथ रहेंगे....???? असकरन दास जोगी 

कोई हाथ मले तो कहना

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कुछ बड़ा तो नहीं कर पाते लेकिन हाँ खुद से बड़ा बोझ जरूर उठा लेते हैं.... धीरे-धीरे चलना है ज़िन्दगी रास्ता कुछ लम्बा है कोई ज़िद नही जंग की ज़िन्दगी...बस तुझे प्यार से जिना है.... कोई राह तके तो क्या कोई साथ चले तो क्या जोगिया अपने धून में कोई बैर करे तो क्या...? काले हैं पर कलंख नही मस्त हैं पर मलंग नही जलाये तो कौन जलाये जला अभी अलख नही.... कोई याद करे तो कहना कोई प्यार करे तो कहना जब था तब कोई मोल नही कोई हाथ मले तो कहना.... #असकरन_दास_जोगी

हमारे प्रेम का कोई हद नही

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तुम कैसी हो कोई क्यों कहता है तुम सबसे अलग हो कोई क्यों कहता है सब दिल कि ही तो बाते हैं अपना ख़याल रखना कोई क्यों कहता है....? तुम्हारे तानों से क्या होगा हमारे बहानों से क्या होगा जब था ही नही कुछ बीच में बस प्रेम दिखाने से क्या होगा...?? हाथ मिले तो क्या गले मिले तो क्या जब प्रेम नही अन्दर हम मिले तो क्या....??? रोने से अच्छा हस लो चुप्पी से अच्छा कह लो किसी पर द्वेष रखो नही बस अपनी धार में बह लो... खोने का कुछ डर नही पाने का कोई ज़िद नही ख़ुशियाँ है अपनी दामन में हमारे प्रेम का कोई हद नही #असकरन_दास_जोगी

भाग-3 : छद्म अम्बेडकरवाद क्या है ?

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धौंरा बाबा की कलम से.... #भाग_3_छद्म_अम्बेडकरवाद_क्या_है?  साथियों एक बार फिर मैं आप लोगों के बीच छद्म अम्बेडकरवाद क्या है ? लेकर आया हूँ | आप सभी को यह साझा करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है और मैं फिर इस बार हमारे छद्म अम्बेडकरवादी साथियों से गाली खाने के लिए तैयार होकर प्रस्तुत हो रहा हूँ क्योंकि जिस तर्क की वे बात करते हैं और उनकी शालीनता हमारे सत्य बातों के सामने चरमारकर टूट जाती है वे अपनी सत्य आलोचना सहन नहीं कर पाते | हम भी कभी-कभी शालीनता और सहनशीलता खो बैठते हैं आख़िर मनुष्य हैं और मनुष्य से गलती होना लाज़मी है | वैसे बताना चाहूंगा कि मुझे छद्म अम्बेडकरवाद क्या है ? यह लिखने का प्रोत्साहन हमारे छद्म अम्बेडकरवादी मित्र ही देते हैं,मैं हृदय से उनका शुक्रगुज़ार हूँ और साथ में यह भी कहना चाहता हूँ छद्म अम्बेडकरवाद जितना घातक सतनामियों के लिए है उससे कहीं ज्यादा छद्म अम्बेडकरवाद,अम्बेडकरवाद के लिए घातक है | चलिए साथियों आप लोगों को मैं लेख की ओर ले चलता हूँ, इस लेख में भी 10 बिन्दू लिया गया है    | 1.छद्म अम्बेडकरवादी हमें कहते हैं कि तुम इतिहास नहीं जानते तुम्हें इति

अरे कंठी !

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#अरे_कंठी अरे कंठी कबीर साहेब तोला पहिरिस होही तब तैं आडम्बर नइ कहाये अब का होगे काहीं तो बोल...?? गुरु नानक देव जी तोला धारण करके  हाथ म धर के सतनाम के उपदेश कइसे दिस होही ??? गुरु रैदास के फोटो घलो म दिखथच वोहर तोला काट के नइ फेंकिच का काहीं तो बोल रे गोखी ??? कतको संत गुरु के गर म रहे तोला पुदक के कोनो गरगर ले नइ ढुलोईन का ?? सुन न...तोला तो फुलन देवी घलो पहिरत रहिच कोनो दिन गर ल उतार के अपन बंदूक म ठाँय-ठाँय नइ मारिच का बता न रे कंठी कलजगरा ??? सच म कैराहा हवच रे कंठी अतेक पूछे म बताबे नइ करच बता दे न... ओतेक बड़ पहाड़ ल टोरईया दशरथ मांझी कइसे राखे रहिच तोला अपन गर म वोकर मन नइ होइच का कोनो दिन वो पहाड़ संग तुुहु ल अपन हथौड़ी घन म कुचरे के...??? इहाँ तो कतको झन गुरु घासीदास के गर म तोला नइ रहिच कहिथैं सतनामी मन पहिरथैं त  पाखण्ड आय अंधविश्वास आय सफेद मनुवाद आय कहिथैं अरे कंठी बता न... तोर इहेंच बस काबर विरोध होथे...??? #असकरन_दास_जोगी