तोर बर संसो
*#तोर_बर_संसो* " मोर अन्तस म रचे बसे हे तोर बर संसो देख धोखा म झन रहिबे उहाँ टूटबे तैं अउ इहाँ उलर जाहूँ मैं " " बाँख म नइ बँधाहँव न नरियर बूच के डोरी म तुनबे तभे तुनाहँव मया के नीछे पातर कल्मी म " " कतको अँधियारी रइही हपटन भटकन नइ देवँव करिया हँव तेमा झन जाबे चंदा ले जादा अंजोर मैं करहँव " " झउहाँ म भरके बोह लेबो दुख के जम्मों कचरा ल फेंकना हे तिहाँ फेंक देबो अउ सच कर लेबो सुख के सपना ल " " आज काल अउ सब ल कोनो खूंटी म टांग देथन का गुन-गुन के जीबे चल आज ल... आज असन जीथन " *#असकरन_दास_जोगी*