मैं छत्तीसगढ़िया अँव

*#मैं_छत्तीसगढ़िया_अँव*

बनभइँसा कस जोम्हियाथँव
दिखथँव चंदैनी गोंदा कस रुगबुग ले
बन-बन उड़थँव पहाड़ी मैना
अउ महानदी कस लहरा लेथँव
कोनो पूछथे त
मैं छत्तीसगढ़िया अँव कहिथँव

फेर फोंकिया देथे
डारा ल बुर्चे
उल्हवा पाना कस
मोर आस
कोनो रुख ल गोरर के काटे
ठुड़ा नोहय
घमघम ल उबजथे
धनिया कस
जेकर खुशबू ल
कहूँ थोकन कोनो पागे
त वोकर अन्तस
कहर महर जाथे

जाँगर पेरइया,पछिना ओगरइया
मजूर,किसान,साहब,सिपहिया
मैं महतारी के खरतर लइका
काम बर कमिया अँव
अउ अतके नहीं
इहाँ के मैं
दाऊ गौटिया अँव

सरई कस लाम मोर संसो
मोर बाढ़ बड़े हे
फेर लोभ कतको धरे हें
सांगा म नइ समावय मोर दुख
इहाँ परदेशिया मन
मोर करेजा ल काटत खड़े हें

सुन तो...
अपन भाखा बर रोवइया अँव
माटी बर मरइया अँव
हितवा,मितवा बर जान देवइया
छत्तीसगढ़ महतारी के बेटी बेटा
मैं छत्तीसगढ़िया अँव


*#असकरन_दास_जोगी*

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