पीढ़वा

*#पीढ़वा*

बइठे बर घर म राख पीढ़वा
जेवन जेवना हे
त लान पीढ़वा
एक पटनी म
दूठन खूरा ठोंकबे
तब बनथे पीढ़वा

तैं कइसनो बइठ
तैं कइसनो राह
सगा-सइनी बर
सम्मान होथे पीढ़वा
अउ सुन न...
भुँइयाँ म सोय के बेरा
मुड़ के टेंका होथे पीढ़वा

ननपन म पीढ़वा बर
भाई-बहिनी म घलो
होथे झगरा
अउ गुरु सो ज्ञान लेबे त
देथे वोहर...
पाठ पीढ़वा

कतको के सुन ले
अउ कइसनो कर ले
पकड़ के अकड़ म
कभू झन रहिबे
गुरु घासीदास जी हर
कहिबे करे हे
बैरी घलो ल देहव...
ऊँच पीढ़वा |

*#असकरन_दास_जोगी*

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