छिन्डा टूरा

*#छिन्डा_टूरा बर का कहिथैं*

हैप्पी खोज दे
(मजा अपन हिसाब से लेवव/फरवरी के फ़ीवर नइ चढ़े हे)
#दाई:-
कोलखया
बेंदरा भालू कस
दिखत रहिथच रे
अनघट अकन ल
दाड़ही मेछा ल तो बनाले कर
तब तो फभबे....
#ददा:-
अरे काहिंच नइ करत हवच
त बिहाव ल तो कर ले
अपन ऊपर आही तेने दिन समझबे
का जियानही तोला अभी
बाप के कमई बेटा ल
#भौजी:-
ए ले
भारी हीरो बरोबर
सजत धजत हे
देख ले देख ले
तोर थोथना ल अयना म
अतको म कोनों नइ देखँय
जेकर आँखी खराब रइही
उही हर देखही... हा हा हा
 

#डोकरी_दाई:-
भारी टेस मारत रहिथच
तोला कोन पुछही रे
जवानी ल रुख कस गोर्रत हवच
पुरा छत्तीसगढ़ के छलानी मारले
तोला तो मोर असन डोकरी घलो हर नइ छिटकारय...हा हा हा हा
#गाँव_गली:-
ए टूरा हर
बुढ़ा जाही ग
कब पींयर भात खवाही
पते नइ चलय
एकर जहुँरिया मन अउ एकर ले छोटे मन
लोग लइका के खरही गाँजत हें
अउ एहर...
बहेरा कस भूत गाँव गली म
बजनी बाजत रहिथे
#संगी:-
हा हा हा हा.....
कुंदरु बरोर झूल गे हे
मुड़ म चंदा नाचत हे
बीच के हवच का बे....
इहू फरवरी फुर्र होही
कोनो फीट नइ होवँय
बस अपन हाथ जगन्नाथ हे |

*#असकरन_दास_जोगी*

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