अगर मैं साथी नही

#अगर_मैं_साथी_नही.....


तुम मुझे याद दिलाती रहती हो
मुझे पाने के लिए मत सोचो
तुम्हें याद होना चाहिए
मैने पहले ही कहा था
मुझमें कोई ज़िद नही
जिसको गुलाब मिलना होता है
उसे मिल ही जाता है

तुम कहती हो
मोह न करो प्रेम करो
क्या करें
आख़िर इंसान ही तो हैं
मोह और प्रेम दोनो है
लेकिन तय तो रहता है
एक समय के बाद
मोह को ख़त्म होना ही होता है
और प्रेम...
प्रेम को अंतिम सांस तक रहना होता है

सुनों...एकतरफ़ा प्रेम का
अनुभव है मुझे
दूरियाँ क्या होती है
और इंसान इसमें
कैसे जिता है
सब आता है मुझे

जानते तो हो ...
कौन ?...से
फिर आप हुए
और देखो न
कहते-कहते
बात तुम तक पहुंची है
सच कहें
हम होने का सपना
सबका होता है

हम होना
मतलब तुम्हें बाँधना नही
तुम्हारे पंखों को कुतरना नही
हम होना
मतलब साथी होना
अगर मैं साथी नही
तो साथ छोड़ भी सकती हो
पता है...
आप और तुम तो चलता ही रहता है |

#असकरन_दास_जोगी

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