गऊ-गोहार

🐄गऊ गोहार

हमर भारत देस बहूंत धार्मिक देस आय ! जिहां रूख राई, नंदिया, पहाड़, गाय-गरूआ घलो म देबी-देवता बासा माने जाथे ! अईसन परमपरा म हमर हिंदू संसकिरिति ह सबले आघु हे ! भारत म हिंदू समाज म गाय ल दाई ( माँ ) मानथैं अऊ देबी मानके ओकर पूजा-पाठ घलो करथैं ! लोगन मन म इहू मान्यता हे की गाय के पुजा करे म जिनगी धन्य हो जाथे अऊ मुक्ति मिलथे ! गाय के मूत म गंगा अऊ मूत,गोबर, दूध,दही ल पंचतत्व माने जाथे ! गाय दाई म 33 करोड़ देबी-देवता बासा होय के परमान हमर बेद, पुरान म घलो हवै ! फेर बड़ अबजस अऊ दुरभाग हे कि जिहां 80 करोड़ ले जादा हिंदू रईथैं अईसन भारत देस म गऊ हईता के कारज हर सरलुग होवत हे बंद होय के नाव नई लेवत हे !
गाय के मरे कारन अईसन हो सकत हे :- 
१. कोनो बिमारी आय म .
२. भूंख म काबर आजकल चरागन खतम होवत हे .
३. कुरा-कचरा, झिल्ली , पलास्टिक ल खाके .
४. बस,टरेन,टरक अईसन गाड़ी म झपाय ले .
५.हमर देस म हजारोन बुचड़ खाना म गाय-गरूआ मन ल जियत मारकाट के मास,चमड़ा अऊ हड्डी के बैपार करथैं तेकर सेतिर .
पढ़ईया मनके मन म अऊ कई ठन कारन हो सकत हे !

फेर कतको मनखे मन गाय  ले फायदा उठाय बर जियत ल मारे ल धर ले हावैं ते पाय के गऊ हईता रोक लगाय बर कानून बने हे जेमा १० बछर के सजा दे जाथे ! गुजरात म गऊ हईता रोक थाम बर ६ महिना के सजा ल बढ़ाके ७ बछर कर दे हे अऊ पईसा-कऊड़ी के सजा ल १००० ल बढ़ाके ५०,००० रूपिया कर दे हावय ! 
देस के अजादी के समे गऊ हईता म रोक लगाय बर कानून मांग होईस त ४ नवम्बर १९४७ के प्रार्थना सभा म महात्मा गांधी जी कहिन ! गऊ रकछा बर देस म कानून नई बन सकय काबर की भारत देस कोनो हिंदू धरम राज्य नोहय ये हर धरम निरपेक्छ राज आय , येकर सेतिर हिंदू धरम के परमपरा ल ककरो उपर थोपे नई जा सकय  ( sunday,august 19,2012 आखिर कब बंद होगी गौ हत्या ? राष्ट्रीय दर्पण " आईना सच का " jetendrapratap.blogspot.com )

इही बिच म येहू जानकारी ल बताना चाहहवं गुरूवार ८ अक्टूबर २०१५ नईदुनिया अखबार पेज ८ म आलोक मेहता जी जेन हर लेखक एडिटर्स ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्छ रहिन तिंकर लेख आय रहिस जेमा बताईन के भारत हर बिदेस म मास सप्लाई करथे तेन कम्पनी म ऊंखर संगवारी नऊकरी करथे अऊ उनमन बामहन पंडित आयं अऊ ओ सरकारी कम्पनी हर भारत ल मास सप्लाई करे बर नम्बर वन बनाय म लगे हे ! अऊ बताईन की मास खवईया देस अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्राजील अऊ सब यूरोपिय समुदाय जईसन सम्पन्न मास खवईया अऊ उत्पादक देस ले जादा मास सप्लाई भारत हर २०१४-१५ म करिस ! लग भग २० लाख मीट्रिक टन मास ( रेडमीट ) के निरयात करके भारत हर ४,७८१ मिलियन डॉलर कमाईच ! अऊ ओकर ऊपर म अवैध गऊ हईता के कारोबार म करीब १५ हजार करोड़ रूपिया कमावत हे , जेकर अधिकतर मास भईंसा, बईला, बोकरा के होथे ! सऊदी अरब अऊ चीन अवैध रूप ले भारत मेरा देस के दूसर रसता ले मास बिसाथे !  भारत ले निरयात होवईया बीफ म अमेरिका, यूरोप आदि देस हर सॉसेज, बर्गर, प्रोसेस्ड फूड बनेच कन बनाथें ! थाईलैंड, वियतनाम सिंगापुर, इंडोनेसिया, मलेसिया जईसन देस मन भारत ले आयात करे मास ल जादा भाथैं ! एक बात अऊ बताईन ये मास बेपार म हिंदू मन के संख्या मुसलिम अऊ दूसर समुदाय़ के बैपारी ले कम नईहे ! मोदी सरकार हर मास निरयात करे बर चीन संग सम्बंध बनावत हे अईसन जानकारी घलो दिन ! अईसन त हमर देस के हाल हे , हमर देस म कतका कन बुचड़ खाना हावय कईके नेट म सर्च मारेवं त फेसबुक के " स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ-Timline " इही एकाऊंट हर खुलिस ओमा लिखाय रहिस भारत म ३६,००० अधिकिरित बुचड़खाना हावय जेमा मास अऊ चमड़ा के बैपार बर गाय-गरूआ के बुजई करथैं  अब बता भला अईसन दुरगति म गऊ हईता ल कोन रोके सकही !
आज के समे म भारत म सबो राज्य म गऊ रक्छक समिति बनाय गे हावय ! गऊ रक्छक  के काम गऊ के रक्छा करना हे फेर एकर आढ़ म देस म कई ठन असमाजिक अऊ सम्प्रदायिक घटना ल घलो बगराय जावत हे ! जईसे २५ जुलाई २०१६ के अखबार हरिभूमि पेज नं. २ ल पढ़े म जानकारी मिलिस की २०१५ सितम्बर म उत्तर परदेस के दादरी म जिहां बीफ खाय के अफवाह म अखलाक नाव के मईनखे ल पीट पीट के हईता कर दीन ! इही बीच म ये घटना के आरोप म बजरंग दल के कार्यकर्ता संग ४० झन उपर केस दर्ज करिस अऊ कार्यवाही करिस ! अऊ अब बेंगलुरू, चिकमंगलूर के कोप्पा गांव म दलित परवार के बीफ रांधे के आरोप म बजरंग दल के ३०-४० कार्यकर्ता फेर घर म घुसर के मार पीट करे हावय अईसन कारज का गऊ रक्छा आय ? कुछ दिन पहिली  ११जुलाई २०१६ के गुजरात म गिर सोमनाथ जिला के ऊना म गऊ हईता के आरोप लगाके चार झन टूरा मन ल तथाकथित गऊ रक्छक मन गाड़ी म बांध के मार-पीट करत जुलुस निकालीन जेकर देस भर म बिरोध होईस ! तब अतका सब घटना ल होवत ११ महिना होगे देस म गऊ रक्छा के नाव म आतंक ह अपन चरम म पहूंच गे हावय अब जाके खिसया के हमर देस के परधान मंतरी हर अपन मुंह खोलिस हे अऊ कहिस जेला इतवार ७ अगस्त २०१६ पत्रिका-sunday म पढ़ेन - " गऊ रक्छा के नाव म दुकान खोल के बईठे हें, मोला गुस्सा आथे ! गऊ भगत अाने हें, गऊ सेवक अाने ! कई झन अईसन हें जेन मन रात म एंटी सोसल एक्टिविटी करथैं , तहां बिहनहा होवत गऊ रक्छक के चोला पहिर लेथैं ! मैं छेतरीय सरकार मन ले बिनती करत हवं के जेन स्वयंसेवी हें , अपन आप ल गऊ रक्छक मानथें , ऊंकर डॉजियर तईयार करवावव ! ७०-८० परसेंट अईसे निकलही, जेन मन धंधाबाज हें ! उमन अपन बुराई ल तोपे-ढ़ांके बर गऊ रक्छक के चोला पहिन लेथैं ! सिरतोन म गऊ सेवक हें त मैं बिनती करत हवं , के सबले जादा गाय कतल( हईता ) करे ल नई मरय , कुरा-करकट म मेले पिलास्टिक खाय ले मरथे ! गाय ल पिलास्टिक खाय ले बंचावव इही सबले बड़े गऊ सेवा कहाही ! सेवा हर कोनो ल दबाय अऊ दुख दे बर नई होवय ! फेर अतका तो ठीक हे तेकर बाद गुजरात के ऊना के घटना ऊपर कार्यवाही करई अलगे बात हे हमर परधान मंतरी " गऊ गोहार " पारत कहिस मोर दलित भाई मन ल झन मारव , ऊंकर बदला म मोला गोली मार दव ! अईसन कहाई फबत हे ग , जरूरत ये हे की ये घटना के ऊपर परधान मंतरी खच्चीत कार्यवाही करय अऊ गऊ रक्छा के बहाना म देस भर म मंचाय आतंक ल खतम करवावय ! इहीच खर के संघरा दे हावय कुछ दिन पहिली २२ मई के अमरेली के राजुला म घलो अईसन घटना होय रहीस ! नानाभाई हर बताईस के ओकर बेटा दिलिप, भतीजा भोला संग ७ झन गऊ साला सदन के तीर मरे गाय के चमड़ी निकाले के बाद हड्डी मन ल भरवात रहिन तभे २० झन हमला करके एक ठन कमरा म बंद करके आगी लगाय के तईयारी रहीस बने रहिस के सहीं बेरा म पुलिस पहूंच गे ! करीब एक साल पहिली वाकानेर के भल गांव के तीर म मरे गाय के चमड़ा ल लेके जावत दलित युवक उपर हमला करके ओकर गाड़ी म आगी लगा दे रहिन !

ये सब बात भारत के दूसर राज्य के हालत हे अब हम अपन छत्तीसगढ़ के हाल घलो ल देख लेथन गऊ रक्छा के नाव म अऊ गऊ रक्छा बर का-का होवत हे ! पहिली तो हम छत्तीसगढ़ म जनमे गऊ रक्छा क्रांत्ति के दिन ल घोघबो ! गऊ रक्छा क्रांत्ति के जनम भारत म मध्य परदेस ल अविभाजित छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार करमन डीह अऊ ढ़ाबा डीह नाव के गांव म होईस ! जिंहां अंगरेजी सासन काल सन् १९१४ से १९२४ तक ! अंगरेज मन के खोले बुचड़ खाना अऊ गऊ हईता के बिरोध म सतनामी समाज के स्वतंत्रता सेनानी अऊ गौ भक्त राजमहंत नयनदास महिलांगे , राजमहंत अंजोर दास कोसले , विशाल दास महंत अऊ जगतगुरू अगमदास जी के नेतृत्व म धरना कर कर के , सबो समाज म परचा बांट के गऊ हईता के विरोध करिन , परचा म लिखे राहय " गऊ माता की जै " जेकर समरथन म छत्तीसगढ़ म सिरिफ पंडित सुंदरलाल सर्मा जी हर आईस ! तब गऊ भगत नयन दास महिलांग जी मन अपन एकता के बल म , करमनडीह अऊ ढ़ाबाडीह के बुचड़खाना ल अंगरेज मन सो  १९२४ म बंद करवाके गुलाम भारत म गऊ रक्छा क्रांत्ति ल जनम दिन ! उही मन असली गऊ रक्षक आयं , भारत माता के बीर सपूत खांटी छत्तीसगढ़िया आयं जिंकर आज कोनो पुछ परख नईहे ! ओ बेरा म कानपुर म बलाके अईसन कारज करे के कारन महात्मा गांधी जी इंखर सनमान करिस कहूं इंथर मदद ले के भारत भर म गऊ हईता बिरोध आंदोलन ल बढ़ाय रईतिस त आज पुरा भारत म गऊ हईता बंद होगे रईतिस ! ऊंखर कहानी सबला प्रेरना दे बर छत्तीसगढ़ स्कूल के पाठ्यकरम म सामिल होना चाही ऊंकर नाव म राज्य सरकार हर केन्द्र सरकार हर सनमान घोषित कर बांटय ! लेकिन बड़ दुख होईस के १८ अगस्त २०१६ नवभारत अखबार म ये पढ़े ल मिलिस की गऊ मास बेंचे के सख म कुछ टुरा मन एक झन टूरी के घर म घुसर गे रहिन ! ये घटना गुढ़ियारी के खालबाड़ा म बुधवार मंझनिया के आय ! किरिसना नगर निवासी तीन झन टुरा मन अपन आप ल गऊ रक्छक समिति के सदस्य बतावत ! २५ बछर के टुरी के घर म पेल दे रहीन , हल्ला मचाईस तीर तखार के मन जुरयाईन तब उंहला पकड़ के पुलिस ल दिन !  आज जरूरत हे ये गऊ रक्छक बने भाई मन ल , की गरिब मनखे ल सताय ल छोड़ के सासन दूआरा मान्यता मिले ३६,००० बुचड़खाना ल बंद करवाय बर देस बियापी आंदोलन करे के अतका खरखर हावयं त ये काज ल कर के देखैं तब जानबो ग गऊ रक्छक अईसन होथैं !
फेसबुक म तो एक झन कविराज बिंझलेकर नाम के आदमी हर गऊ रक्छक मन बर नियम बनाके घलो सेंड कर डारे हे :- 
१. मवेसियों के पंजीयन अनिवार्य करवाय जाय जेकर ले गऊ रक्छक चिनहारी हो सकय !
२. बिना जबरन के गाय-गरूआ ल सड़क म पाय जाय म ओला सरकारी ठऊर/कांजी हाऊंस म ले जाये जावय !
३. सड़क म रेंगत खानी गाय गरूआ संग एक्सीडेंट होय म मनखे उपर लागे म हर्जाना गाय-गरूआ के मालिक देवय !
४. कहूं गाय मरे पाय जावत हे त ओकर ठाठ ल गऊ रक्छक ल सऊंपे जाय ताकि गऊ रक्छक ओकर अंतिम संस्कार कर सकय !
५. गऊ पालक संस्था आयोग ल सरकार दूआरा मिलई धन राशि ल संस्था के सूचना पटल म लिखे जाय ताकि सब ल जानकारी होवय अऊ काम इमानदारी ले करयं !

अब सीरतोन म सझे बर हे कि गऊ रक्छा काला कईथैं , कहूं गऊ रक्छा के नाव म अनित तो नई होत हे ओती बर गऊ माता गऊ गोहार पारत हे मोर हईता करई बंद करव ! ओकर बाद गऊ रक्छक मन गऊ गोहार पारत हें की गऊ हईता बंद हो ! इही बीच म गऊ रक्छा के नाव म सम्प्रदायिक फईलाय वाले मन से सोसन के सिकार होवत अऊ सामना करत दलित भाई मन घलो गऊ गोहार पारत हें की गऊ रक्छा के नाव म दलित मन संग होवत अनिति ल बंद करव ! ओती बर हर परधान मंतरी गऊ गोहार पारत हे मोर दलित भाई मन ल झन मारव मारे बर हे त ऊंकर बदला म मोला गोली मार दव !  अब देखे बर ये हे की गऊ माता उपर होवत राजनीति का करवट लेही !

असकरन दास जोगी
डोंड़की ( बिल्हा )

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