*डाक्टर बिलवा महराज के बेटा पीच दारू* आज गाँव म स्वच्छता अभियान बर रैली निकले हे,मेडम-गुरु जी मन आगू-पाछू रेंगत हेें ! स्कूल के जतका लइका हें सब लाईन लगाय ओरी-ओर रेंगत हवैं अउ नारा लगात हें ! *स्वच्छता लाना हे.. गाँव बचाना हे* , *बोलव दीदी बोलव भईया हर-हर...शौंचालय बनवाबो घर-घर* नारा ल चिल्लावत रैली ह जावत हे ! भक्कल अपन दुकान म बइठे-बइठे देखत हे संग म वोकर गोसइन चुनिया घलो हे भक्कल चुनिया ल कइथे ए गाँव के कुछ नइ हो सकै, चुनिया कइथे सहीं काहत हवच ! भक्कल खुर्सी ले उठथे दुकान के कोंट्टा म परे *कचरा पेटी-टीपा* ल उठाथे अउ हमला का करे ल हे *जेकर शासन तेकर भाषन* कहत टीपा के कचरा ल दुकान के आगू के डीपरा म फेंक देथे ! ओही मेरा गाँव के संड़हवा अउ गाय मन बइठे रइथे भक्कल ल कचरा फेंकत देख के गरुआ मन आके कुछु खाय के फेंके होही कइके छुछनथें कुछु नइ मिलै त कागज-पाथर अउ झिल्ली ल चगुलाय ल धर लेथें! भक्कल हर्रे कहत दुकान डाहर आके अपन गोसइन चुनिया ल कइथे सुन तो आज बिलासपुर जाहँव दुकान ल सम्भालबे ! चुनिया कइथे ठीक हवै जी! अब भक्कल ओ मेर ल चल देथे, *थोकन बाद नहा-खोर के भक्कल दुकान म ओलिहाथे अउ ...