छोड़ो जाने दो...

*छोड़ो जाने दो*

मेरी बातें कोई न माने, छोड़ो जाने दो !
सत्य को कोई न स्विकारे, छोड़ो जाने दो !!

कब तक मैं सर पिटता रहूं, न्याय की गुहारों से !
भीगे भीगे नैना हैं, आँसुओं की फुहारों से !!
दर्द तो बेहिसाब हैं, छोड़ो जाने दो !
सत्य को कोई न स्विकारे, छोड़ो जाने दो !!१!!

विश्वास अंधविश्वास है, सत्ता सवर्णों की !
भोली भाली जनता है, गुलामी अवर्णों की !!
कोई अपना अधिकार न जाने, छोड़ो जाने दो !
सत्य को कोई न स्विकारे, छोड़ो जाने दो !!२!!

लोग काले काले नोट हैं, आज के परिवेश में !
भ्रष्टाचार बलात्कार छाया, देखो हमारे देश में !!
आँखें खुली फिर भी बंद, छोड़ो जाने दो !
सत्य को कोई न स्विकारे, छोड़ो जाने दो !!३!!

करते कैसे सड़यंत्र, समरसता एक ढ़ोंग !
समानता की बात कहाँ, उच्चता लेप लिए ओंग !!
मीठी मीठी बातें हैं, छोड़ो जाने दो !
सत्य को कोई न स्विकारे, छोड़ो जाने दो !!४!!

करवँटे बदलता असहिंष्णुता, नही दिखता क्यों !
अत्याचार का भरता घड़ा, फुटता नही क्यों !!
क्यों है प्रश्नवाची ईश्वर, छोड़ो जाने दो !
सत्य को कोई न स्विकारे, छोड़ो जाने दो !!५!!

कुछ दिनों से छाया है, छद्म राष्ट्रभक्ति का जोर !
किसी को भी फांस लेता, राष्ट्र द्रोह का डोर !!
कैसे बचायें संविधान, छोड़ो जाने दो !
सत्य को कोई न स्विकारे, छोड़ो जाने दो !!6!!

*रचनाकार:असकरन दास जोगी*
मो.नं. 9340031332
10 मार्च 2017

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