देवासूर-संग्राम

*देवासूर संग्राम*

दर्द कराहेगा स्वर बनकर,तब सब याद किए जायेंगे !
स्वप्न बहेगा आँसू बनकर,तभी जन-मन क्रांत्ति लायेंगे !!1!!

छलनी होंगे सम्मान जहाँ,और शोषक जन लताड़ेंगे !
न्याय अधिकार दब जाएगा,तभी शोषित जन दहाड़ेंगे !!2!!

सहिंष्णुता धीरज खो देगा,इनके छल-अत्याचारों से !
ज्वालामुखियाँ फूट पड़ेंगे,ह्रदय क्रोड के उदगारों से !!3!!

धरती शासन शौर्य लूटकर,हमारे ही धन में पले हो !
भूत हमारा धूमिल करके,देख *आज* मिटाने चले हो !!4!!

अमृत प्याला ग्राह कर अड़ते,दंश भोगी कब तक ना लड़े !
शोषक समृध्दि के स्वर्ग चढ़े,शोषित क्यों अब पाताल गड़े !!5!!

सतयुग द्वापर त्रेता छल-बल,कलयुग में भण्डा फोड़ पड़ा !
चमत्कारी मिडिया सयाने,देख आज कवच बनकर खड़ा !!6!!

देव ब्रम्हास्त्र कहाँ चलेगा,जब जागृत उद्वेलित होगा!
सत्ता जब जागीर बनेगा,देवासूर संग्राम होगा !!7!!

*रचनाकार-असकरन दास जोगी*
मो.नं.-9340031332
www.antaskegoth.blogspot.com

Comments

Popular posts from this blog

दिव्य दर्शन : गिरौदपुरी धाम(छत्तीसगढ़)

पंथी विश्व का सबसे तेज नृत्य( एक विराट दर्शन )

खंजर