रासुका लगाते रहना

*रासुका लगाते रहना*

तुम अपने तराजू में
हमारी सहिंष्णुता
और असहिंष्णुता को न तौलो
इन कुकृत्यों को
बार-बार न दौहराओ
अच्छी तरह से
जानते हो हम कौन हैं
तुम जितना
गुरु घासीदास जी को
जानते हो
उतना
गुरु बालक दास जी को
नही जानते
अरे सुनो...
शांति साधे सतनामी को
यूँ न उकसाओ
अन्यथा वह होगा
जो इतिहास में नहीं हुआ है
फिर रासुका लगाते रहना
जब क्रांतिवीर निकलेंगे
साधक से सतनामी
योध्दा में बदलेंगे
ज्वालामुखी के फटने से
छत्तीसगढ़ काँप जायेगा
तुम्हारे आका जो दिल्ली में हैं
दहशत में आ जायेगा
देखो बात इतना है
जो गलत किए हैं
उन्हें सजा मिलना ही चाहिए
चाहे लेखक हो या प्रकाशक
या कोई अधिकारी
सलाखों के पिछे दिखना चाहिए |

दिनाँक : 14-09-2018

असकरन दास जोगी
9340031332
www.antaskegoth.blogspot.com

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