बैसुरहा देवाना-02
*#बैसुरहा_देवाना-02*
झन बोमियाबे तैं मोदी कस
के टार तोर गोठ ल
कहे ल पर जाय
अउ अतको धीरलग झन हो
रमन जइसे
के मोर मन असकटा जाय...
मैं पप्पू बन के
नइ सुन सकँव
सुन मोर गोलईंदा
तोला बरजत हँव
झन बड़बड़ाबे पात्रा कस...
नहिते कछु कर जाहँव
आँय के बाँय....
हम नइ जावन
वो लबरा टूरा विकास संग
बुलेट ट्रेन म
वोकर लोहा-लाखड़ के
शेर दूबरागे हे
अउ जानथच...?
भारी मंदी हे रानी...
तोला मोला चलना-चलाना हे
दिल्ली के मेट्रो
या फेर
छत्तीसगढ़ के मेमू म....
तोर आस अउ भरोसा ल राखहँव
मैं मीठ लबरा नोहँव
तोर मान-सम्मान के आर.बी.आई. ल
नइ लूट सकँव
देख भले मैं बैसुरहा देवाना अँव
फेर सेंगर अउ चिन्मयानंद नोहँव...
अरे सुन न... बुंदेला
तैं अखरा म मार
चाहे पखरा म
फेर सथरा खाबो
एक बटकी..एके संघरा म
एक बात कहँव...
तोर मया काश्मीर म फूटे आर.डी.एक्स. कस लागथे
कब, कहाँ,कतना फूटही गमें नइ चलय....|
*#असकरन_दास_जोगी*
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