हाँ मैं बीच का हूँ

हाँ मैं बीच का हूँ

बड़ा अज़ीब है
मुझे तो हँसी आती है
आपको भी हँसी आयेगी
यह सुनकर
अगर मैं अपने दोस्तों की मानूँ
तो मैं बीच का हूँ
पता है क्यों ?
क्योंकि...
किसी लड़की के
कपड़ों पर मैं कमेंट नही करता
कोई लड़की चल रही है
तो वह आगे से पीछे से कैसी दिख रही है
इस पर मैं गॉसिप नहीं करता
मेरे दोस्तों को मुझमें
यह बिल्कुल पसंद नहीं
कि मैं किसी भी लड़की को
अरे माँ कसम यार ! वह कितनी सेक्सी है
यह नहीं कहता
वे यह भी चाहते हैं
कि मैं किसी लड़की के
स्तन-उभारों पर भी
एक भद्दा सा कमेंट करूँ
लड़की को घूर-घूर कर देखता रहूँ
तब शायद उनकी नज़रों में
मैं लड़का लगूँ
मेरे मित्र सबसे अच्छे और अज़ूबे हैं
यह उनकी बुराई नहीं
यह तो आदतन है
आदि से पुरुषवादी सोच का
असर उनमें भी है
कुछ मित्र इतने शुभचिंतक होते हैं
कि उनकी बड़ी प्रबल इच्छा रहती है
कि मेरी एक,दो,तीन और चार,पाँच गर्लफ्रेंड हो
पता है और मैं उन गर्लफ्रेंड्स के साथ
यौन सम्बन्ध भी स्थापित करूँ
मित्रों की नज़र में यही प्रेम है
कहीं मैं यह सब करता
तब शायद उनकी नज़रों में
मैं मर्द साबित हो पाता
और वे मेरे मजा लेने के लिये
कहते हैं कि तुम बीच के हो
तब मैं भी यह कहता हूँ
हाँ मैं बीच का हूँ
क्योंकि मैं उनकी तरह
यह सब नही कर सकता |

*#असकरन_दास_जोगी*

Comments

Popular posts from this blog

दिव्य दर्शन : गिरौदपुरी धाम(छत्तीसगढ़)

पंथी विश्व का सबसे तेज नृत्य( एक विराट दर्शन )

अन्तस होता मौन जब