मेरा लाल सलाम

*#मेरा_लाल_सलाम*

शोषण सहन नहीं होता
आवाज़ निकल जाती है
बिलखते बच्चों पर
दया और स्नेह आता है
फांसी पर लटकते किसान
कैसे देखूँ
बेरोजगारों को तड़पते
कैसे छोडूँ
बग़ावत का हर चिंगारी
मेरे सीने में मशाल बन जाती है
तब बंदूकों की भाषा
और क्रांति समझ आता है
हर लाल झण्डे में
हथौड़ा और हासिया दिखता
जब-जब मजदूरों का
पसीना नही खून बहता
यह लड़ाई अधिकार का है
यह लड़ाई सम्मान का है
यह लड़ाई हर उस भेद-भाव से है
जो हमारे बीच प्रेम और समानता नहीं
नफ़रत पैदा करती है
घोषणा पत्रों में छल कर जाते हैं
वे नेता हैं
भूख,अशिक्षा,गरीबी और बदहाली परोसते हैं
इनकी धमनियों में रक्त नहीं लावा बहता है
तब देश और समाज जलकर राख होता है
मैं मार डालूँगा
मैं लड़ जाऊँगा
जेल मुझे क्या बंद करेगी
जब मैं हथियार उठाऊँगा
मैने जो कहा है
पढ़ लेना एक-एक कलाम
क्रांति पथ के हर क्रांतिवीर को
मेरा लाल सलाम....!

*#असकरन_दास_जोगी*

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