सुनो साहेब !

*#सुनो_साहेब...!*

अपने आशियाने से
कुछ दूर चलते हैं
चलो...
भारत को हिन्दुस्तान बनते देखते हैं

उन मेघों को
लौट कर बरसना ही है
पता है...?
यहाँ प्यासी सिर्फ ज़मीन नहीं
प्यासे तो किसान भी हैं

मैं भय में कैसे ?
जय श्री राम कह दूँ
सुनो....
उन भगवा वालों से कह दो
मेरा राम नाम सत्य हो जाना अच्छा है

वो आबरु लुटते पकड़े गये
हमने ज़ुबाँ नहीं खोला
सुनो साहेब...
पड़ोस में हल्ला है
वो पंडित है या मौलवी है ?

हमारे स्तम्भों को
रुसवा कर रखे हैं
देखो साहेब...
ये चौथा होने का दम्भ भरते हैं
और चौंथा करके बैठे हैं

*#असकरन_दास_जोगी*

Comments

Popular posts from this blog

दिव्य दर्शन : गिरौदपुरी धाम(छत्तीसगढ़)

पंथी विश्व का सबसे तेज नृत्य( एक विराट दर्शन )

अन्तस होता मौन जब