हम हाशिये के लोग हैं

*#हम_हाशिये_के_लोग_हैं*

" स्वतंत्रता की लड़ाई में
सबसे ज्यादा शहीद हम हुए
कहीं हमारा नाम नहीं
शहीदी का ख़िताब क्या मिलेगा
हम आज भी अज्ञात हैं "

" स्वतंत्र वे हुए
सत्ता उन्हें मिला
विकास उनका हुआ
हम तो गुलाम हैं...
सुनो यारों...सच कह रहा हूँ
आँखें न दिखाओ
अपनी आँखें तो देखो
इनमें भी..
गुलामी का सुरमा लगा है "

" हम उनकी सत्ता का हिफाज़त करते हैं
अपना वोट देकर
पता है यारों
वो बड़े मेहरबान हैं
खुद से जोड़े रखते हैं
हमें चोट देकर "

" बांट देते हैं
कुछ बांट कर
खुश हो जाते हैं
हमारे लोग चांट कर
स्वार्थ में समुदाय को भूल जाते हैं
सच कहूँ...
हमारे प्रतिनिधित्व करने वाले भी
गुलाम होते हैं "

" हमारी शिक्षा,हमारा स्वास्थ्य
हमारा व्यवसाय और हमारा विकास...
कभी देख लेना
हमारी गलियों में आकर
हम हँसिया पकड़ते हैं
हम हाशिये के लोग हैं
हमारा सब कुछ हाशिये पर है "

*#असकरन_दास_जोगी*

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