प्रोटेस्ट

*#प्रोटेस्ट*

विदेशों से कर्ज लाते हैं
जी.डी.पी. जमकर गिराते हैं
दिल तो है नहीं
बस लड़ने-लड़ाने का
बिल लाते हैं

वह बिल किस काम का
जो लाखों दिल
तोड़ रहा है
बड़े मगरूर तानाशाह
लगते हो साहब
यहाँ बस्तियाँ उजाड़ कर
बस्तियाँ बसाने की
बात करते हो

प्रोटेस्ट इतने
शायद आपको
नही दिखते
बोलो...
आखिर कितना
कर लोगे दमन
ढाओगे कितना सितम
आपको ये भारतीय नागरिक
क्या भारतीय नही लगते ?

कितने लाओगे
और कितने भगाओगे
इनके उनके डॉक्यूमेन्ट
कैसे बनाओगे
कुछ पूछ रहा हूँ
ज़रा तो बोलो...
इमरजेन्सी जैसा
माहौल बनाकर
क्या चाहते हो
आन्तरिक आग लगाकर ?

रहने दो
मत घोलो
नफ़रत का ज़हर
ये वादियाँ
अमन,प्रेम
और चैन का चमन है
आखिर क्या मिल जायेगा
संविधान की आत्मा
खत्म कर के?

*#असकरन_दास_जोगी*

Comments

Popular posts from this blog

दिव्य दर्शन : गिरौदपुरी धाम(छत्तीसगढ़)

पंथी विश्व का सबसे तेज नृत्य( एक विराट दर्शन )

खंजर