लड़ना चाहोगी?

*#लड़ना_चाहोगी?*

मेरे होने का एहसास
तुम्हें अकेले में होगा
कब तक ठुकराओगी
मेरे वजूद को
जब कोई पूछेगा
मेरे बारे में
तब तुम्हें
कुछ तो...
बताना ही होगा

मैं हवा हूँ
तुम्हारे आस-पास ही
रहता हूँ
मैं पानी हूँ
तुम्हारी आँखों में ही
रहता हूँ
कहाँ तक जाओगी
मुझसे पीछा छुड़ाकर
मैं ज़मीन हूँ
कदम तुम जहाँ-जहाँ
रखोगी
मैं वहाँ-वहाँ मिलूँगा

वो जो रखती हो
रूढ़-मूढ़
ख़्वाब-स्वाब
वहम-सहम
पाखण्ड का पहाड़
सब...
छोड़ना होगा
मैं मिट्टी हूँ
मिट्टी बनकर ही तुम्हें
मुझसे मिलना होगा

बनना छोड़ दो
मुझे...है पता
तुम्हारे अंदर भी
मैं नहीं मैं ही हूँ
अरे बोलने में
क्या रखा है
ये जो आँखें है न
उनमें सब दिखता है

लड़ना चाहोगी ?
तो लड़ लो
लोगों से
माहौल से
खुद के टूटते
आस से
मैं साथ हूँ
दुनिया झुकेगी
आराम से.......|

*#असकरन_दास_जोगी*

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