भाग-1:छद्म अम्बेडकरवाद क्या है ?

धौंरा बाबा की कलम से...
 भाग-1 :#छद्म_अम्बेडकरवाद_क्या_है ?


कुछ मित्र कह रहे थे कि आप अम्बेडकर साहब और अम्बेडकरवाद का विरोध क्यों करते हो ? तो आज मैं इस विषय को आप लोगों के समक्ष रखना चाह रहा हूँ और बताना चाहता हूँ कि भाई लोगों आप जितना अम्बेडकर साहब और अम्बेडकरवाद का सम्मान करते हैं मैं भी उतना ही दिल से सम्मान करता हूँ लेकिन किसी भी विषय को लेते हैं तो उसका लाभ हानि होता ही है वैसे ही अम्बेडकरवाद के साथ #छद्म_अम्बेडकरवाद भी जुड़ा हुआ है और वह हमारे लिए हानिकारक के साथ घातक है जो हमारे अस्तित्व पर प्रहार कर हमें खत्म करना चाहती है छद्म अम्बेडकरवाद बाबा साहब के महान सिध्दांतों,कार्यों,उध्देश्यों को गलत तरीके से प्रचारित कर लोगों को आपस में लड़ाने का कार्य कर रही है वह बाबा साहब को बदनाम कर रही है और मैं इसी छद्म अम्बेडकरवाद का विरोध करता हूँ | मैं आप लोगों के बीच कुछ बिन्दु रखने जा रहा हूँ जिसे छद्म अम्बेडकरवादी अपने विचार के प्रचार के दौरान अक्सर लोगों को ताने के रूप में कहते पाये जाते हैं और कोई भी सतनामी ऐसे वाक्यों को बर्दाश्त नहीं कर सकता | वे बिन्दु कुछ इस प्रकार से हैं :-

(1) इस छद्म अम्बेडकरवाद के प्रचारक अक्सर यह कहते पाये जाते हैं कि सतनामियों को पानी पीने का अधिकार अम्बेडकर साहब ने दिया | अम्बेडकर साहब के जन्म से पहले सतनामी लोग जैसे पानी ही नहीं पीते थे इन मूर्खों को कौन समझाये छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों के सतनामियों ने अपने क्षेत्रों में तालाब और कुआँ निर्माण करवाये हैं |

(2) छद्म अम्बेडकरवादी कहते हैं अम्बेडकर साहब ने तुम्हें चड्डी,कपड़ा पहनना सिखाया है इससे ज्यादा हास्यस्पद और कुछ हो सकता है बहुत विद्वता है इन भाई बहन लोगों की |

(3) छद्म अम्बेडकरवाद कहता है हमें बोलने,चलने,और अपना विचार रखने का अवसर अम्बेडकर साहब ने दिया शायद इन्हें पता नहीं है जब अम्बेडकर साहब का जन्म नही हुआ था तब  गुरु घासीदास जी के द्वारा मध्यभारत के छत्तीसगढ़ में सतनाम आंदोलन चलाया गया |

(4) छद्म अम्बेडकरवाद कहता है सतनामियों को धन दौलत रखने का अधिकार नही था, सब नंगे भूखे थे | तो हमारे महान विद्वान मित्रों आपको पता होना चाहिए छत्तीसगढ़ में गुरु बालकदास जी को राजा की उपाधि अंग्रेजों के द्वारा दिया गया था, सतनामी लोग दाऊ,गौटिया,मालगुजार रहे हैं जो आकाल,सूखा पड़ने पर #पर्वतदान भी किया करते थे छत्तीसगढ़ में सतनामी मूलत: भूमिपुत्र कृषक हैं और आप ही बताईए कौन से समाज में लोग अमीर गरीब नही होते ? सबके सब राजा थोड़ी होते हैं |

(5) छद्म अम्बेडकरवाद कहता है सतनामियों के गले में हाँडी और कमर में झाडू बाँधा जाता था तो इन मुर्खों को पता होना चाहिए सतनामी समाज इनके पुर्खों की तरह कायर और कमजोर नहीं रहा है समाज में अखाड़ा प्रथा संचालित था जिससे अस्त्र शस्त्र से लोग पारंगत होते थे | शांति के साथ-साथ हमने अपने अधिकारों के लिए खूनीक्रांति भी किया है और जो लोग लड़ाकू हैं उनके गले में हाँडी और कमर में झाडू बाँधने की बात करते हैं ये मूर्ख लोग |

(6) छद्म अम्बेडकरवाद हमें आर. एस. एस. ,भाजपा,कांग्रेस से ठीक वैसे ही डराते हैं जैसे हिन्दू संगठनों के लोग राजनीतिक लाभ के लिए हिन्दू समाज को मुसलमानों के नाम पर डराती है, वैसे यह दोनों विचारधारा हमारे समाज के लिए घातक ही है |

(7) छद्म अम्बेडकरवाद एस.सी. वर्ग को मिले आरक्षण का धौंस सतनामियों पर ऐसे झाड़ता है जैसे आरक्षण पूरे भारत में बाबा साहब ने सिर्फ सतनामियों के लिए लौंच किया हो, मेरे भाई लोग आरक्षण तो ओ.बी.सी.एस.सी. एस.टी. सभी के लिए है न ?

(8) छद्म अम्बेडकरवाद सतनामियों के लिए प्रतिबंधित शब्दों का उपयोग बार-बार करती है सतनामियों के मनोबल को तोड़कर उसे दलित नवबौध्द बनाना चाहती है जिससे इनकी जनसंख्या में धार्मिक रूप से इज़ाफ़ा हो लेकिन वहीं सतनामी अपने लिए जैन और सिक्ख धर्म की तरह #सतनाम_धर्म की बात करते हैं ठीक वैसे ही जैसे आदिवासी गोंड़ी धर्म और लिंगायत समाज लिंगायत धर्म की मांग कर रही है |

(9) सतनामी समाज के लोग अपने जीवित संत,महंत,गुरु और गुरु परिवार की सेवा या पूजा करते हैं तो ये विरोध करते हैं और वहीं ये छद्म अम्बेडकरवादी लोग नवबौध्दों के भंत्ते लोगों को बुलाकर पूजा करते हैं उनके चरणों में गिरते हैं तब यह विरोध का विषय इन्हें नही लगता |

(10)  छद्म अम्बेडकरवाद सतनाम और गुरु घासीदास जी की अराधना,पूजा-पाठ को अंधभक्ति,पाखण्ड,आडम्बर कहती है और वहीं ये लोग स्वयं बुध्द और अम्बेडकर साहब के फोटो और मूर्तियों में फूलमाला,अगरबत्ती कैण्डल,दीपप्रज्वलन और देवी देवताओं के गीतों को डूप्लीकेट कर जब आरती करते हैं तो बड़ा हर्षित होते हैं |

(11) छद्म अम्बेडकरवाद हमें गुलाम कहती है जो कि स्वयं इनके पूर्वज रहे हैं | सतनामी लोग  सामंत,पिण्डारियों और मराठों से से लोहा लेते आये यह बात इन्हें भी अच्छे से पता है |

(12) छद्म अम्बेडकरवाद अम्बेडकर साहब से सतनामियों को जोड़ने के लिए कहता है गुरु घासीदास जयंती सबसे पहले बाबा साहब ने नागपुर में मनाया फिर नकुलदेव ढ़ीढ़ी को संदेश देकर छत्तीसगढ़ में मनाने के लिए कहा अगर बाबा साहब गुरु घासीदास जी के बारे में नहीं बताते तो ये लोग गुरू घासीदास जी को जान नही पाते ऐसे लोग राँची में रखने के लायक हैं | भाई आप सतनामियों से अम्बेडकर साहब को जोड़ना ही चाहते हो तो इस विषय पर जोड़िए न कि अम्बेडकर साहब ने वकालत करके मुक्तावन दास गुरु जी को केस से बरी करवाये थे... आपके जोड़ने का तरीका सहीं होना चाहिए अन्यथा विरोध तो होगा ही |

(13) छद्म अम्बेडकरवाद हमेशा अपने आप को विद्वान और इतिहास के जानकार बताने में तुले रहते हैं और सामने वाले को मूर्ख घोषित करना चाहता है अक्सर नसीहत देते रहते हैं इतिहास पढ़ो जैसे सामने वाला कल ही पैदा हुआ है |

(14) छद्म अम्बेडकरवाद वर्ण और जाति का विरोध करता है और वर्ग का समर्थन जबकि गुरु घासीदास जी मानव मानव एक समान की बात करते हैं |

(15) छद्म अम्बेडकरवाद हमारे साथ ऐसे पेस आते हैं जैसे अम्बेडकर साहब ने विशेष रूप से सतनामियों के लिए ही संविधान को लिखकर गये हों.. भाई संविधान और अम्बेडकर साहब का हम लोग भी सम्मान करते हैं संविधान किसी वर्ग विशेष या सिर्फ एक जाति के लिए नहीं लिखा गया है संविधान पूरे भारत के लिए लिखा गया है संविधान से पूरा भारत चलता है कब जानोगे |

(16) हिन्दू संगठन जैसे जय श्री राम कहने के लिए दबाव बनाते हैं नही कहते तो विरोधी शाबित करते हैं ऐसे ही ये लोग जय भीम कहने के लिए दबाव बनाते हैं,नही कहने पर मजाक उड़ाते हैं.... सतनामी समाज अपने आराध्य महापुरुषों , माताओं के नाम पर भी अभिवादन नही करता वह सिर्फ सतनाम लेकर अभिवादन करते हैं तो किसी व्यक्ति के नाम पर अभिवादन क्यों करेगा ?

(17) सतनामी अगर सफेद कपड़ा पहनता है सफेद,सफेद गमछा लगाता है और चंदन लगाता है तो इसे पाखण्ड और दिखावा कहते हैं और ये लोग नीला कपड़ा पहनेंगे, नीला गमछा लगायेंगे और नीला टीका लगायेंगे तब ये स्वयं को क्रांतिकारी घोषित करते हैं |

(18) गुरु घासीदास जी और अम्बेडकर साहब आप और हमारे अधिकारों के लिए लड़े वे हमें फर्श से अर्श में ले जाना जाते थे किन्तु छद्म अम्बेडकरवादी आप और हम सभी को गुलाम,पीड़ित,शोषित,दलित,चमार,शुद्र बनाये रखकर राजनीतिक गेम खेलने में लगे हैं आप आप उपर उठने की बात करेंगे तो आपके विचारधारा को भूतकाल, वर्तमानकाल में उत्पन्न समस्याओं को गिनाकर.... उकसाने और भड़काने का कार्य करते हैं... ताकि हम लोगों से लड़ें |

अगर हम अम्बेडकर साहब के विचारों को फॉलों करें तो भारत को सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बना सकते हैं और यहाँ के भारतीय समाज में समानता ला सकते हैं लेकिन यहाँ तो छद्म अम्बेडकरवादी लोग जोड़ना छोड़कर तोड़ने में लगे हैं......

मेरा लेख समझ न आये तो आप मुझे पाखण्डी,गद्दार,मनुवादी,आर.एस.एस. वाला, अम्बेडकरवाद विरोधी और बहुत कुछ कह सकते हैं स्वागत् है.... 💐🙏🏻

#असकरन_दास_जोगी

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