सुनो जॉर्ज फ्लॉयड-1

#सुनो_जॉर्ज_फ्लॉयड....(1)


गोरे और काले में
जो भेदभाव पैदा करे
ऐसे नस्लवाद का
विरोध करना अच्छी बात है
हम भी कहते हैं....
नस्लीय श्रेष्ठता का नस्लवाद मुर्दाबाद

लेकिन मैं लानत भेजता हूँ
हमारे उन भारतीय साहित्यकारों को
जो अमेरिका के नस्लवाद का खुलकर विरोध कर रहे हैं
खुद को काला कहते हुए
लेकिन इनकी आँखों में
मोतियाबिंद और अंधरौटी आने लगती है
जब हम भारतीय जातिवाद का जिक्र करते हैं
इनकी ज़ुबान सील जाती है
बिल्कुल पिछवाड़े से खपे हुए पैंट की तरह
ये हमारी तरह कभी कह नही सकते
भारतीय जातिवाद मुर्दाबाद...???

अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की छटपटाहट को
ये अच्छे से महसूस कर सकते हैं
ये सुन भी सकते हैं
इनके कानों में आती है
फ्लॉयड की वह आवाज़
जो उसने तड़पते हुए कहा "I Can't Breathe"
और ये फ्लॉयड की गर्दन की जगह पर
अपने गर्दन को पाने का नाटक करते हैं
फिर कहते हैं...
गौरांग अमानुषता का सर्वनाश हो
लेकिन ये भूल से भी नही कहते
भारतीय जातिय श्रेष्ठता का सर्वनाश हो...???

इन्हें श्वेतों की श्वेत फासीवाद और अमानुषता वायरस लगती है
लेकिन ये कैसे दोमुहें सांप हैं भारतीय जातिवाद पर
चौंड़ी छाती कर गर्व महसूस करते हैं...???

सुनो जॉर्ज फ्लॉयड
इनके हृदयस्पर्शी,मर्मस्पर्शी
संवेदना,श्रध्दांजली और आपके प्रति तरफ़दारी में लिखे वाक्यों से इन्हें मानवता का संरक्षक न समझ बैठना
पता है क्यों....???
क्योंकि अमेरिका में श्वेतों ने जो आपके साथ और आपके वर्ण के साथ किया है
अगर आप भारत में होते
तो ये और इनके वर्ण के लोग
आपको छोटी जात का कहकर
वही करते जो आपके साथ अमेरिका में हुआ |

#असकरन_दास_जोगी

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