मानाकि

 #माना_कि


शब्द भेदी बाण चलाने वालों 

कभी आँखें खोलकर देख लिया करो 

कहीं मरने वाला बेक़सूर तो नहीं 


माना कि आप लोगों में विलक्षण प्रतिभा है 

किन्तु...

इसका सहीं प्रयोग तो करो 


अरे ओ उड़ती चिड़िया के पर गिनने वालों 

कभी पास बुलाकर 

प्यार से गिनकर देखो

तब आंकलन और हक़ीकत का पता चलेगा


इस महानता पर लिखें 

तो कुछ कम नहीं 

महाकाव्य अवश्य लिख सकते हैं


ओ गेहूँ के साथ घून पीसने वालों

चक्की चलाने से पहले 

ठीक से चून भी लिया करो


दर्द सभी को होता है

पर पीड़ा भी समझें 


ओ सूरत से सीरत बताने वालों

आओ कभी पास बैठो 

परिचय और परिचर्चा तो कर लें.... |


#असकरन_दास_जोगी

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