सतनामी सिर्फ सतनामी है

 #सतनामी_सिर्फ_सतनामी_है 


गाँवों में आज भी 

सतनामी और हिन्दू मुहल्ला है अलग 

फिर कौन कहता है 

यही कि हम हिन्दू हैं...? 


मरघट के दो हिस्से हैं 

एक तरफ शव जलता है 

दूसरी ओर दफ़न होता है 

कफ़न देखकर बता सकते हैं

जो मरा है...

वह सतनामी है या हिन्दू है


हमारे किसी मांगलिक कार्यों में 

कोई पंडित नही आते 

हमारे पास स्वयं का साटीदार और भण्डारी है 

सुनो...

सतनामी सिर्फ सतनामी है


गाँवों में अपने उस्तरे से 

नाई नही काटते हमारे बाल 

जो हिन्दू की संज्ञा देते हैं 

वे जान लें...

हम स्वावलम्बी हैं


किसी भी 

पौनी पसारी व्यवस्था के 

हम हिस्सेदार नही हैं 

कोई बताये 

कैसे भला हम हिन्दू हैं ?


चुनावों में धड़ल्ले से 

हमे हिन्दू बताया जाता है 

जब अधिकार की बात होती है 

पता है...?

तब आरक्षण वाला हमारा नेता 

न्याय और अधिकार ले भी नहीं सकता


देवालय से गुरुद्वारा है भिन्न 

मूर्ति से जैतखाम है अलग 

कौन सी संस्कृति हिन्दू से मिलता है ? 

हम सिर्फ चुनावी हिन्दू हैं 

सुनो...

सतनामी सिर्फ सतनामी है |


#असकरन_दास_जोगी


चित्र : बोड़सरा धाम

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