छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस की बधाई किस मुँह से दें ?

 #छत्तीसगढ़_राज्य_स्थापना_दिवस_की_बधाई_किस_मुँह_से_दें...?


जब हम छत्तीसगढ़ में जातिवाद का विरोध करते हैं तब विरोध करने वाले को ही जातिवादी कहा जाता है यह आपकी समझदारी है या मूर्खता...?


जातिवाद और भेदभाव पर चर्चा करने के लिए सबकी जुबान बंद हो जाती है....देखना गिनती के लोग ही कमेन्ट करेंगे....अन्य जाति के मेरे मित्र बिना पढ़े भाग जायेंगे 


#छत्तीसगढ़_राज्य_की_मांग :- 


        छत्तीसगढ़ राज्य की मांग का नीव सतनामी समाज के गुरुद्वारा में दिनांक 12 सितम्बर 1945 ई. में जगत् गुरु गोसाई अगम दास जी के निवास लोधीपारा मोवा भांठा रायपुर में बैठक आहुत कर रखा गया | जिसमें गुरु गोसाई अगमदास जी साथ में महंत रतीराम ,राजमहंत अंजोरदास कोसले,राजमहंत नयनदास महिलांग,महंत विशालदास,महंत भुजबल,गौटिया महंत आधारदास सोनवानी और पं.सुंदर लाल शर्मा,दाऊ घनश्याम सिंह गुप्ता,डॉ.खूबचंद बघेल,गजाधर साव,ठाकुर प्यारे लाल सिंह सम्मिलित थे |

बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ राज्य बनाने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देंगे इसके लिए आंदोलन और मांग विधिवत प्रारम्भ की जायेगी |

तभी देश में आजादी की लड़ाई ने जोर पकड़ा और पृथक छत्तीसगढ़ की मांग और आंदोलन को शिथिल कर सभी आजादी की लड़ाई में कूद पड़े | पृथक छत्तीसगढ़ निर्माण के आंदोलन में पहले जेलयात्री मंत्री जी दादा नकुलदेव ढ़ीढ़ी 27 अक्टूबर 1972 को जेल गये थे |

यह था उन दिनों की समानता और राज्य तथा देश के लिए कुछ कर गुजरने की जज़बा,यहां तो भेदभाव नही दिखता लेकिन आगे देखिए 


#छत्तीसगढ़_में_जातिवाद_भेदभाव_का_प्रशासनिक_स्वरूप :-


1. छत्तीसगढ़ में सभी मिलकर आजादी की लड़ाई लड़े सतनामियों ने जन, धन, तन, मन सब कुछ न्यौछावर किया लेकिन आज तक जगत् गुरु गोसाई अगमदास जी और उनके महंत और राजमहंतों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा नही मिला आखिर क्यों...? 

2.देश आजाद हो जाने के बाद सतनामियों की कई जातिगत हत्याकांड किए गए |

3.भाजपा शासन में अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण को 16 से 12 कर दिया गया |

3. भाजपा शासन में अंतर्राष्ट्रीय पंथी सम्राट देवदास बंजारे जी के नाम पर राज्य सम्मान देना बंद कर दिया गया बताईए आखिर क्यों...?

4. बोड़सरा धाम में सतनामियों पर प्रशासनिक अत्याचार किए गए 

5.15 वर्ष के भाजपा शासन में बेहिसाब शोषण हुआ सतनामियों पर और जैतखाम उखाड़े गये जलाये गए| आप शिकायत लेकर थाने जाते हैं तो आज भी एफ.आई.आर. दर्ज नहीं होता जब तक लोग सामाजिक आंदोलन न करें...?

6. भाजपा शासन में गुरु घासीदास जी के जीवनी के साथ छेंड़छाड़ हुआ जातिगत रूप से एक भी गिरफ्तारी नही हुई |

7. सतनामियों की ख़बर को मीडिया जगत् प्रकाशित ही नहीं करती जब तक वहां कोई बड़े राजनीतिक नेता की उपस्थिति न हो और प्रकाशित करेगी तो अपने हिसाब से |


#अब_देखते_हैं_भूपेश_सरकार_मे_क्या_हुआ :-


1.जो आरक्षण पहले 16% था उसे 16% करेंगे कहकर कांग्रेस सत्ता मे आई और 12% से 13% किया | ओबीसी समाज का आरक्षण 14% से  27% किया गया तब कुणाल शुक्ला नामक व्यक्ति को खुजली हुआ और कोर्ट के माध्यम से इस पर स्टे लगा दिया | क्या कहें और इसी कुणाल शुक्ला को भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ कबीर शोध पीठ का अध्यक्ष बना दिया जाता है - आरक्षण प्रतिनिधित्व का अधिकार है कोई भीख नही और हमारे आरक्षण वाले नेता फूल माला के साथ आभार व्यक्त करते रहे इनको शर्म भी नहीं आती |

2. भाजपा शासन की तरह कांग्रेस सरकार में भी गुरु घासीदास जीवनी के साथ जातिगत छेंड़छाड़ हुआ, लेखक, प्रकाशक और विक्रेता आज तक किसी पर एफ.आई.आर. नही हुआ न ही गिरफ्तारी हुई |

3.भूपेश शासन में कई जगह जैतखाम उखाड़े और जलाये जा रहे हैं सतनामियों के साथ जातिवाद और अन्य अत्याचार हो रहे हैं और प्रशासनिक कार्यवाही शून्य है |

4.छत्तीसगढ़ विधानसभा का नाम मिनीमाता विधानसभा भवन है लेकिन भूपेश सरकार द्वारा नया रायपुर में नवीन विधानसभा निर्माण कार्य से मिनीमाता जी का नाम गायब कर दिया गया है |

5.हसदेव बांगो बांध परियोजना मिनीमाता के प्रयासों से सफल हुआ और इस परियोजना का नाम मिनीमाता के नाम पर रखा गया जिसे आज भूपेश सरकार में विधानसभा अध्यक्ष महंत चरणदास द्वारा बोर्ड में अपने फोटो और नाम को लगाकर मिनीमाता के नाम को हटा दिया गया |

6.गुरु घासीदास जी के नाम पर राज्य सम्मान दिया जाता था | भूपेश सरकार में इस वर्ष उसे हटा दिया गया है... 

7.रूद्र गुरु के विभाग में भ्रष्टाचार की ख़बर छपवाकर कैबिनेट से बाहर निकालने की साजिश...

8.छत्तीसगढ़ में सतनामी कलाकारों की जयंती सरकार नही मनाती और न एक भी अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त  सतनामी कलाकारो को अब तक पद्मश्री, पद्मभूषण या पद्मविभूषण सम्मान मिल पाया आखिर योग्यता रखते हुए भी हम सम्मान से दूर क्यों हैं...?? 


#मुख्यमंत्री_भूपेश_बघेल_की_जाति_प्रेम_देखिए :-


1.श्रीमति पद्मश्री डॉ.ममता चंद्राकर - कुलपति : खैरागढ़ कला एवं संगीत विश्वविद्यालय |

2.डॉ.अशोक चंद्राकर - कुलपति : आयुष विश्वविद्यालय रायपुर छ. ग. |

3.प्रोफेसर मुकेश कुमार वर्मा - कुलपति : छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनिकी विश्वविद्यालय भिलाई |

4.प्रोफेसर श्री केशरी वर्मा - कुलपति : पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर |

5.श्री सतीश चंद्र वर्मा - महा अधिवक्ता : हाईकोर्ट बिलासपुर |

6.अपने ससुर स्व. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा लिखित गीत को राजगीत घोषित करना |

7.श्रीमती नीरा बघेल - मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर |

8.डॉ.अजय वर्मा - प्रचार्य : उद्यानिकी महाविद्यालय,पाटन  |


किसी के पास कोई उत्तर है क्या ऐसा क्यों हो रहा है ? 

जिस तरह भारत में हिन्दू और मुस्लिम भेद का माहौल बनाया जाता है उसी तरह छत्तीसगढ़ में हिन्दू और सतनामियों के साथ जातिगत भेदभाव का माहौल बनाया जाता है | हम प्रत्येक क्षेत्र में शोषण का शिकार हो रहे हैं |

पेशवाओं और मराठों के वंशज भाऊ से दाऊ बनकर हम पर जातिगत भेदभाव और अत्याचार कर रहे हैं.... 


क्या इन्ही दिनों को लाने के लिए हमारे सतनामी पुरखों ने आक्रमणकारी पिण्डारियों से लड़ा, पेशवा और मराठों के अत्याचारों से छत्तीसगढ़ को स्वतंत्र रखा | क्या यही शोषण हमारे साथ होता रहे हमारे सम्मान और अधिकारों का हनन हो करके हमारे सतनामी पुरखों ने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेकर देश को आजाद कराने में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया.... ?


लिखने के लिए बहुत कुछ है अगर आप छत्तीसगढ़ में राजा गुरु बालक दास जी के तलवार को पुन: उठाने के लिए सतनामियों को मजबूर नही करना चाहते तो गुरु घासीदास जी के सिध्दांतों के आधार पर सत्य,अहिंसा,प्रेम और मानव-मानव एक समान को कायम करिए..... 


#असकरन_दास_जोगी

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