छत्तीसगढ़ी गीत
#छत्तीसगढ़ी_गीत
तैं मोर ले दूरिहा होके...जीयत होबे कइसे
कलपत होबे अंतस म...खून के आँसू रोवत होबे....
तैं मोर ले दूरिहा होके.........2
बैरी बनगे जमाना रे,देवत रहिथैं ताना |
मया ककरो का बिगाड़थे,टूटत हन जइसे पाना ||
बाँधत होबे कइसे मन ल,घड़ी-घड़ी छटपटावत होबे...
तैं मोर ले दूरिहा होके...जीयत होबे कइसे....?
पिरीत म परगे पहरा रे,ये दुनिया कइसन अढ़ा |
जागे रहिच भाग तेनो,निकलगे अइसन कढ़ा ||
संसो जीव लेवत होही,सुरता के डोरी ल खींचत होबे...
तैं मोर ले दूरिहा होके,जीयत होबे कइसे...?
मिल जातिच तोर संदेशा,अइसन मन के आशा |
होही मिलना कब जोही,छावत हे मन म निराशा ||
हदरत होबे हिरदे ले,मोरो सोर तो लेवत होबे...
तैं मोर ले दूरिहा होके,जीयत होबे कइसे...?
#असकरन_दास_जोगी
Comments
Post a Comment