जग फिरें क्या ?
#जग_फिरें_क्या ?
रह जाता हूँ
सुनकर अपने दिल की
ख़्वाहिशों में...
बंदिशें ज़रूरी है
मुस्कराने की आदत हमने डाल ली
क्योंकि...
लोग कह रहे थे
तसल्ली ही तो एक दवा है
हजारों दर्द का
मन का
कभी होता है
मन का
कभी होता नहीं
सुनो...
मनका फेरते-फेरते
जग फिरें क्या ?
#असकरन_दास_जोगी
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