वह मोदी से भी क्रूर है

 #वह_मोदी_से_भी_क्रूर_है


वह अपने में मस्त है 

मैं अपने में मस्त हूँ 

हम लड़ नहीं पाते 

परिस्थिति...

अपने आप ही पस्त है 


कभी बड़बड़ाती थी

कान में 

वह भी मधुर लगता था 

किसी संगीत के राग की तरह 


मैं तड़प रहा हूँ 

सरकार से छले हुए 

किसान की तरह 

और वह मोदी से भी क्रूर है 

समझती ही नहीं....

मेरे सत्याग्रह को 


बातें वह जुमले की तरह करती है 

मैं उम्मीदों में रहता हूँ 

मैं दिल की बात सुनना चाहता हूँ 

और वह मन की बात करती है 


राष्ट्रपति का कहाँ चलता है 

मैने ज्ञापन बहुत दिया 

बस आश्वासन ही तो हाथ लगता है 

सुनो....

क्या मेरे भी अच्छे दिन आयेंगे ?


#असकरन_दास_जोगी

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