यायावर
#यायावर
ठहर नही रही है ज़िन्दगी
बस दौंड़भाग लगा है
हर तरफ शोरगुल मचा है
और मैं यायावर
दुनिया जंगल है
यहां संकरे रास्ते
पठार,पर्वत,खाई
और धूप छाँव है
एक राहगीर
डेरा तो डाल सकता है
लेकिन घरौंदा कैसे बनाये
तूफान मन में हो
या वन में हो
पथिक असुरक्षित ही होता है
उसे चाहिए...
शीतल हवाएँ
जो मन और वन
दोनों को सुकून दे सके
रास्ते में ठोकर लगते हैं
ठोकर से चोट
और चोट से घाव
सुनो...
घाव मिटाने के लिए
मुहब्बत का मरहम जरूरी है
मैं यायावर
पृथ्वी,हवा,पानी,बादल,
समय और ज़िन्दगी भी यायावर
कोई कहे तो...
चलो साथ हो लेते हैं |
#असकरन_दास_जोगी
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