मैं उस वक्त के इंतज़ार में हूँ

 #मैं_उस_वक्त_के_इंतजार_में_हूँ


मुझे जो आकर्षित करती है 

वह तुम्हारी सादगी है 

सच कहूँ...

तुम प्रकृति से अलग नहीं 


सेमल के फूल की तरह 

तुम लाल भी होती हो 

तो सरसों के फूल की तरह पीली भी 


तुम्हें निहारते रहना

चाहता हूँ 

और तुमसे गले लगकर 

सारी इच्छाओं का गुल्लक 

तोड़ देना चाहता हूँ 


मैं चाहता हूँ 

गुल्लक से निकले 

ख़ुशी,दु:ख और सारे सपनों को 

तुम अपने हाथों से सहेजो 


सुनो...

मैं उस वक्त के इंतजार में हूँ 

जहाँ हम मिलें 

बिल्कुल बारिश और धरती की तरह 

तब हमारी सौंधी-सौंधी महक से 

एक किसान की तरह प्रकृति भी आनंदित हो उठे |


#असकरन_दास_जोगी

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