उसके सामने कुछ भी नहीं

 #उसके_सामने_कुछ_भी_नहीं


मन इतना तेज़ है कि

उसे पता ही नहीं चलता 

और उसे देखकर लौट आता है 


दिखने में बिल्कुल भैंस जैसी 

और आवाज़ कौए की तरह 

वह बड़ी प्यारी लगती है 


चले तो चींटी न मरे 

पर चलती है हथनी जैसी 

पता है...

औरों से हटकर है 


गर्दन सुराहीदार भले ही न हो 

और कमर कमरे जैसा है 

फिर भी...

कितनी अच्छी लगती है


नानी और दादी के कहानियों की 

सारी राजकुमारियाँ,परियाँ और अप्सरायें 

उसके सामने कुछ भी नहीं |


#असकरन_दास_जोगी

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