अति का अन्त होता ही है

 #अति_का_अन्त_होता_ही_है


शक्ति और आजादी 

स्वेच्छाचारिता ला ही देती है 

और हम मनमानी करने लगते हैं 


देश को आजादी मिली 

नेता और नौकरशाहों को शक्ति 

आज देश इनके इशारों में चल रहा है 

संविधान से नहीं


शक्ति सुरक्षा के लिए होती है 

चाहे वह अपना हो या अपनों की 

आजादी स्वर्णिम जीवन के लिए होती है 

नैतिक मूल्यों एवं कर्तव्यों की साख काटने के लिए नहीं


इस देश में नौकरशाह और नेता 

नैतिकता से बाहर हो चुके हैं 

नेता किसानों के राह में कील लगवाते हैं 

और नौकरशाह आम नागरिकों के पैर में 

सच कहें...

ये नेता और नौकरशाह 

अपना मानसिक सन्तुलन खो बैठे हैं


हे महान राष्ट्र के राष्ट्रवादियों 

देश को संविधान से चलने दो 

अपने इशारों में चलाकर 

तानाशाह न बनो 

याद तो होगा ही 

क्योंकि अति का अन्त होता ही है |


#असकरन_दास_जोगी

Comments

Popular posts from this blog

दिव्य दर्शन : गिरौदपुरी धाम(छत्तीसगढ़)

पंथी विश्व का सबसे तेज नृत्य( एक विराट दर्शन )

खंजर