अगर हम इंसान हैं तो

 #अगर_हम_इंसान_हैं_तो


जब हम पत्थरों के बीच होते हैं 

तब हम एक इंसान होते हैं 

और जब हम इंसानों के साथ होते हैं 

तब हम एक पत्थर होते हैं 

और ऐसा होना मनुष्य के लिए 

कोई बड़ी बात नहीं है


हमारे अन्दर पत्थर है 

पत्थर की तरह हम भी टूटते हैं 

स्वयं को आकार दे पाये 

तो सँवर गए 

अन्यथा टूटकर बिखरना 

साधारण सी बात है


जब हम जंगल में होते हैं 

तब हम जंगल से प्रेम करते हैं 

किन्तु जब हम अपने घर में होते हैं 

तब आवश्यकता के लिए 

आवश्यकता से अधिक पेड़ काट देते हैं

और एक भी पेड़ हम लगा नहीं पाते

हम कैसे प्रेमी हैं...?


जंगल का जंगलराज 

प्रकृति का नियम और सौन्दर्य है 

यह हमें आकर्षित करता है 

किन्तु जिस समाज में हम रहते हैं 

वहां जंगलराज नहीं चला सकते 

यह जंगलराज असामाजिक है 

और मानव सभ्यता के लिए घातक


हमें अपने अन्दर के 

पत्थर,प्रेम,जंगल और जंगलराज को पहचाना चाहिए 

इनका उपयोग कब,कहाँ और कैसे करें 

यह भी अच्छे से आना चाहिए 

अगर हम इंसान हैं तो |


#असकरन_दास_जोगी

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