पंथी विश्व का सबसे तेज नृत्य( एक विराट दर्शन )

पंथी :विश्व का सबसे तेज नृत्य ( एक विराट दर्शन ) भूमिका - पंथी छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज द्वारा किया जाने वाला पारम्परिक लोक प्रिय नृत्य है ! सतनाम धर्म का प्रतिक चिन्ह " जैतखाम " की स्थापना या गुरू घासीदास जी की जयंती पर्व पर परम्परागत रूप से पंथी गायन के साथ नृत्य भी किया जाता है ! पंथी नृत्य की शुरूवात गुरू वंदना से होती है जिसे " सुमरनी या आहवान " भी कहा जाता है ! पंथी गीत के प्रमुख विषय गुरू घासीदास बाबा जी के चरित्र व सतनाम दर्शन पर आधारित होती है ! पंथी नृत्य पथ निर्धारित कर पंक्तिबध्द होकर व्यवस्थित रूप में किया जाता है इस कारण इसे पंथी नृत्य कहते हैं व सतनाम धर्म सतनाम पंथ जो कि एक पथ के रूप मे भी जाना जाता है ! जिसके समाजिक व सांस्कृतिक नृत्य होने की वजह से इस नृत्य को पंथी नृत्य की संज्ञा दी गई है ! पंथी नृत्य को विश्वपटल में सतलोकी देवदास बंजारे जी एवं साथियों द्वारा सुंदर संस्कृति के रूप में उकेरा गया है जिसकी आभा आज भी लोगों को रोमांचित और आकर्षित करती है ! आदरणीय सतलोकी देवदास बंजारे जी ने पंथी को विश्व के 64 देशों में प्रस्तुत कर भारत के म...