छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति के महासचिव एवं साहित्य संगठन वक्ता मंच के संयोजक आदरणीय शुभम साहू जी से सप्रेम मिलन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 23 सितम्बर 2018 को फिर हुआ . व...
गौ रक्षक नहीं मैं गोसाई हूँ मेरी गायें मुझे देखकर रम्भाने लगती हैं उनकी आस उनकी आँखों में दिखता है मेरा भी गहरा प्रेम उन्हें मिलता है मुझे चिंता रहती है कि मेरी गायों को च...
अवसर तो मिले पंख हमें भी लग जाने दो उड़ेंगे खुले आसमान में संकोच झिझक को तोड़ते लड़ेंगे हम अपने आत्म सम्मान में कौंशल हममें भी है कोई पारखी परख तो कर लें आत्म विश्वास की भु...
पावन पिरीत फेर नैन के जकनी बान चले नइ बांचै मन छंदाके रइही छांद बड़ा गजब माचा के बाना धरे मेकरा जाला तो बस नाँव के आँटत हे घेरा आस के आँच परे वो आखर आय आरो ले निकलथे वो मया आय ह...
जंगी_आंदोलन_होगा छत्तीसगढ़ में हो क्या रहा है शासन प्रशासन घोर निद्रा मे हैं इनके कानों का सुराख बंद क्यों है सतनामी समाज के आवाज को सुना ही नहीं जा रहा है राज्यपाल मुख्य...
*रासुका लगाते रहना* तुम अपने तराजू में हमारी सहिंष्णुता और असहिंष्णुता को न तौलो इन कुकृत्यों को बार-बार न दौहराओ अच्छी तरह से जानते हो हम कौन हैं तुम जितना गुरु घासीदास ज...
विद्रोही युग तस्वीर दिखाता हूँ इन शब्दों से युगों-युगों की है व्यथा बिन पलक झपकाये देखना मूलनिवासियों की है गाथा सुख था समृध्दि थी वैभव के उड़ते थे शोर पड़ी नज़र असित ह्...
पालो पालो जो सुख पालता समृध्दि पालता ज्ञान,ध्यान,शोध, परिणाम, वीरता और धीरता जो इस पथ चले वह मानवता पालता अध्यात्म के रहस्यों का जो पट खोलता विवेक और आत्मा के शील को है साध...
कुछ नया नहीं कुछ नया नहीं लिखता हूँ मैं जो दिखता है वही लिखता हूँ मैं कभी शोषण का "श" लिख लेता हूँ कभी प्रतिकार का "प" लिख लेता हूँ जो आग की तरह फैली है वह हर बात लिख लेता हूँ मैं ...
*प्रेम ही है* मेरा प्रेम आकर्षण से जन्म नहीं लिया जो यह दूरियाँ तुमसे मुझे विलग कर दे सच कहूँ तो इस प्रेम का अवतरण हुआ है और वह भी आत्मा की अनहद अनुभूति से सुनो..... यह उम्र का उत्पात भी नहीं है जो कुछ दिनों में तूफान बनकर शांत हो जाए मुझे अच्छे से स्मरण है संदर्भ देना चाहूँगा उस क्षण को जब तुमने मुझे कहा था चलोदूरी आने दें हमारे बीच में वक्त ही फैसला करेगा यह प्रेम है या.... आकर्षण मैने...ह्रदय से स्वागत भी किया इस प्रसंग में मेरा पक्ष बस इतना ही है मैं दूरियाँ झेल रहा हूँ पर आकर्षण का शिकार नहीं सुनों... आज भी तुमसे बात करके या चैटिंग करके वैसा ही एहसास होता है जो पहले तुमसे मिलने पर होता था हम आज भी अच्छे मित्र हैं इसकी खुशी है लेकिन.... कल और आज में एक बड़ा फर्क है कल हम दोनों एक नाव में बैठे थे और आज तुम रोजगार रूपी मोरनी पर सवार हो तुम आजाद हो कहीं भी उड़ सकती हो परंतु मैं.... बेरोजगारी रूपी चूहे पर बैठा भविष्य गढ़ने आशाओं के हथियार लिए संघर्ष का सुरंग खोद रहा हूँ देखो मुझको सफलता का सुख ढूँढ़ रहा हूँ ...