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Showing posts from December, 2019

आस पास

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*#आस_पास* आकाश,हवा मिट्टी,आग और पानी बनकर तुम्हें महसूस होता हूँ क्या मैं भी तुम्हारे आस पास रहता हूँ ? मेरे आस पास रहती हो कितना अच्छा लगता है मुझे भी यह नही पता ? लेकिन... तुम मेरी परछाई हो ऐसा लगता है कुछ छिपा नही पाती हो हर बात कह जाती हो हो तुम पारदर्शी परदा देखो मेरी नज़र से सात परतों में भी साफ-साफ नज़र आती हो तुम जो खिंचती हो उन्हीं रेखाओं पर खड़े होते हैं लोग भला कैसे पार कर सकते हैं कटने वाले तो कट जाते हैं मगर मर्यादा में रहते हैं लोग कोई सिखना चाहें तो सिख सकते हैं तुमसे विश्वास जगाना सुनों... तुम्हें आता है सम्बन्धों को प्रेम में बांधना *#असकरन_दास_जोगी*

गुलाम आशिक़

*#गुलाम_आशिक़* बंदूक की ट्रिगर जैसी पलकें और भवों को तानकर खड़ी है देखने में बिल्कुल... जरनल डायर लगती है मैं डरा हूँ,सहमा हूँ न जाने कब वह आँखों से नज़रों की गोलियाँ धड़ाधड़ च...

सुन्दरी

#सुन्दरी श्यामल धवल दो रंग में यह तन आकर्षण का केन्द्र है तुम्हें नज़रअंदाज़ बिल्कुल भी नहीं किया जा सकता और हाँ ये जो गेहुँआ रंग है न तुम्हारे छवि पर अद्भुत सौन्दर्य को ब...

लड़ना चाहोगी?

*#लड़ना_चाहोगी?* मेरे होने का एहसास तुम्हें अकेले में होगा कब तक ठुकराओगी मेरे वजूद को जब कोई पूछेगा मेरे बारे में तब तुम्हें कुछ तो... बताना ही होगा मैं हवा हूँ तुम्हारे आस-पा...

प्रोटेस्ट

*#प्रोटेस्ट* विदेशों से कर्ज लाते हैं जी.डी.पी. जमकर गिराते हैं दिल तो है नहीं बस लड़ने-लड़ाने का बिल लाते हैं वह बिल किस काम का जो लाखों दिल तोड़ रहा है बड़े मगरूर तानाशाह लगत...

शहीद वीर नारायण सिंह

#शहीद_वीर_नारायण_सिंह डरकर,दुबककर,भागकर और सहमकर नहीं मरा है वह शेर था... अड़कर,लड़कर और दहाड़ कर कुर्बान हुआ है वीर था वीर है फाँसी पर लटकाया गया वह हंसता ही रहा फिरंगी परेशा...

क्या नही हो तुम मेरे लिये?

*#क्या_नही_हो_तुम_मेरे_लिये ?* क्या हो तुम मेरे लिये ? उपमा तो अनंत है किन्तु जो अन्तर्मन कहे वही कहूँगा सुनो...ध्यान से मिट्टी की वह सौंधी-सौंधी खुशबू हो जो रहेगी... इस प्रकृति में ...