*#बैसुरहा_देवाना-02* झन बोमियाबे तैं मोदी कस के टार तोर गोठ ल कहे ल पर जाय अउ अतको धीरलग झन हो रमन जइसे के मोर मन असकटा जाय... मैं पप्पू बन के नइ सुन सकँव सुन मोर गोलईंदा तोला बरजत हँ...
*#बैसुरहा_देवाना-01* गोटारन कस आँखी तोर दिखथे बटबट ले कइसे भर जाही ए मन बइरी गजब के थोथना छेना कस गोल चाकर निहारँव...आँखी धो-धो के.... वो तमहूँ चूंदी जोंधरी कस जटा जटबट ले हाय रे गोलई...
*#द्रविड़_नही_हो* ये आक्रमणकारी हैं ये मूलनिवासी नहीं ये विदेशी हैं ये तुर्की,शक,हूण,अरब,ईरानी, पुर्तगाली, डच,फ्रांसीसी,यूनानी,मुगल और अंग्रेजों से कोई भिन्न नही हैं लेकिन ...
*#बेरोजगार_लोग_सम्पर्क_ही_न_करें* ये बिल्कुल हकदार हैं अपने लिये एक उत्तम वर चयन में क्योंकि ये सरकारी जॉब में जो हैं इन्हें चाहिए अपने से ज्यादा रसूख और बड़े औहदे वाले इन्ह...
#हे_मुख्यमंत्री_जी रेड कार्पेट म गोंटा खेलव छत्तीसगढ़ म ग्रंथालय अउ ग्रंथपाल कहाँ हे कुछु तो बोलव रमन लबरा 15 बछर ल झुलाईस लाईब्रेरी साईंस वाले मन ल बेरोजगार बनाईस उत्तर प...
*कैसी है यह गहराई* गेहूँ की बालियों सी सुनहरी लग रही हो अवि की तेज से दमकता छवि क्यों न निहारना चाहेगा कोई अनन्त धवल धारण की है पट बलखाती चलती डगर-डगर डगमग-डगमग क्यों न डोले ह...
*उम्र का खेल* कभी बड़े उम्र वालों से हो जाता है प्यार तो कभी छोटे उम्र वालों से अपने उम्र वाले तो समय के साथ निकल गए कैसा है यह इंकार अब तो इज़हार कर नहीं पाते इंकार से डरते हैं ...
*आखरी प्रहर* पता नही क्यों एक लगाव सा हो गया है हर घड़ी आपकी बातों में खोये रहते हैं फ़ना तो नहीं पर दिल बाग-बाग हो गया है इंतजार लम्हा-लम्हा चैन खोने लगा हर रात की आखरी प्रहर ...
*हम दोनों-01* मन में जो भाव हैं ह्रदय को अधीर करते परंतु अधर से शब्द निकलने से पहले ही रूक जाते हैं हम दोनों के एक संकोच सा है कहें या नहीं हम करीब तो हैं पर क्या एक-दूसरे के ह्रद...
*हम दोनों-02* हम दोनों प्रत्यक्ष थे कुछ पल के लिए नैन मिले वो मुझे निहार नहीं पाई मैं उसे निहार नही पाया लोग कह रहे थे मोहब्बत का महफ़िल लगा है हम दोनों इजहार तो नहीं पर जताना ज...
*#चंद_लोग* क्रांति को बिल्कुल भी परिभाषित न करें करेंगे तो आप या तो क्रांति कर नहीं पायेंगे या तो क्रांति के लिए भीड़ जायेंगे पता है क्रांति में भीड़ने वाले चंद लोग ही होते ...
*#वह_समझी_होगी ?* मेरे लफ़्ज़ों में लोग मुझे पढ़ने लगे हैं हाँ मैं खुली किताब हूँ शब्दों के संयोजन और वर्णन का प्रयोजन भली भांति समझते हैं कुछ लोग बोल रहे थे शब्द लिखते हो या च...
*#दास_सत्ता* दास दयनीय हैं इनका दमन हो रहा है इन्हें पीर इतना मिला के दवा,दया और दान सब पर इनका हक है एक समय था तब दास सत्ता में थे दास वंश कौन नहीं जानता दास का अर्थ व्यापक है अव...
*#ठोंको_अपना_दावा* कब दौंड़ेगी धमनियों में धड़धड़-धड़धड़ रक्त जागो उठो दुनिया के शोषित-पीड़ित अब नहीं है वक्त ह्रदय में ज्वाला भरलो धधके आँखें बनकर मशाल काल हो तुम काल शो...
*तहीं बता ?* कभू आते वीणा के तार ल टोर के ए गरीब के कुरिया म देख इहाँ अशिक्षा के अंधियार भरे हे इहाँ सोन के कलश नहीं माटी के दीया बरथे कतको होवत तोर भजन फेर दर्शन बर हमर जीव जरथे ...
*#यारों_के_रंग* कोई शादी कर लेता है कोई मँगनी हम सरीख़ हो सकें हमारा सौभाग्य नहीं बताने,जताने और पूछने से कोसो दूर यारों के रंग निराले हैं शायद हम आज उनके दोस्ती के काबिल नही...
*साँप सूँघ जाता है* आप प्रेम लिखेंगे तो लोग प्रसन्न होंगे हास्य लिखेंगे तो ठहाके लगायेंगे फेसबुक और वाट्सएप्प पर लाईक और कमेंट ही कमेंट होगा किन्तु जब आप क्रांति लिखेंग...
*#तुम_पागल_हो !* कभी चाँद कहता हूँ कभी स्वर्ण परी तुम्हारे केशों को भुट्टे से निकले लट्ट और लचकती-मटकती चलती चाल को हिरणी से जोड़ देता हूँ तुम्हारे गले को उस मयूरी की मखमली गर...
*#मैं_बंद_मुठ्ठी_हूँ* आवेदन निवेदन धरना प्रदर्शन और सत्याग्रह में हर आंदोलन के क्षण-क्षण में खुला रहूँ तो कोई भाव नहीं देता इस लिए अपने माँगों को लेकर बंध जाता हूँ कभी इंक़ल...
*#मुद्दे_से_भटका_दिया_जायेगा* जिनको भ्रष्टाचार से फ़ुर्सत नही वे देश सुरक्षा पे ध्यान देंगे ? छोड़ो साहब उन्हें हसना आता है रोना नहीं जो चुनाव जितने के लिए जाति और धर्म की लड...
*#साँठगाँठ_तो_नहीं?* क्या फौज पर हमला इतना आसान है इंटेलिजेन्सी कहाँ सोई थी लगता है शहीदी के नाम पर वे बली चढ़ गए आगे चुनाव है किसी न किसी को तो सहानुभूति चाहिए सुनो चुपके से ब...
*#मेरा_लाल_सलाम* शोषण सहन नहीं होता आवाज़ निकल जाती है बिलखते बच्चों पर दया और स्नेह आता है फांसी पर लटकते किसान कैसे देखूँ बेरोजगारों को तड़पते कैसे छोडूँ बग़ावत का हर चिं...
*#हम दोनों-03* मन कह रहा था फिर लौट कर मिलूँ वही सिलसिला फिर होता हम दोनों में एक दूसरे को देखकर मुस्कुराते आँखें मिलती हाथ मिलाते और ख़ैरियत की बात करते कोसो दूर से मिलने आना ब...
*#वैराग्य_का_होंड़* राग धरूँ शून्य का राग से होकर दूर तब हो मन में सानिध्यता का बोध सप्त चक्रों के जागृति में हो अनहद का नाद विश्व कल्याण की कामना रहे तब कड़वा लगे स्वार्थ का ...
*#यह_खेल_ख़तरनाक_होता_है* दिल,धड़कन,मन और ज़बान तीनों में अलग-अलग व्यक्ति का होना यह रिश्क विक्स लेकर शर्दी और खाँसी की समस्या दूर करने जितना आसान नहीं है यह खेल आप स्वयं के स...
*#प्रेम_में* विश्वास,सपने चाँद-तारे डाली में लदे फूल और दिल भी नहीं तोड़ सकता मैं प्रेम में रिश्ते-नाते दोस्त-यार माँ-बाप घर-द्वार और उसे भी नहीं छोड़ सकता मैं प्रेम में सुबह,...
*#आखरी_इच्छा* किडनी और लीवर डैमेज है कैंसर से जूझ रहा हूँ सिकलिंग इतना बढ़ा की रक्त कण बनने से रह गया डायलिसिस हो चूका तीन बॉटल ए पॉजिटिव ब्लड मेरे धमनियों में समाहित कर दिया...
*#प्रश्न_तो_खड़ा_होगा-02* कोई आपके नाम के साथ मेरा नाम या मेरे नाम के साथ आपका नाम जोड़ दे तब प्रश्न तो खड़ा होगा किसी भींड़ में कोई पूछ दे आप दोनों का मिलना होता है या नहीं और हम द...
*#हम_दोनों-04* वह धरा मैं नभ सब रह गया धरा का धरा सम्बन्ध प्रगाढ़ है क्या कहें मन का माया जाल है क्यों यह लगाव बढ़ा समय का पेंसिल नव चित्र गढ़ा कभी-कभी हम दोनों में क्षितिज सी परि...
*#प्रश्न_तो_खड़ा_होगा-1* आर.डी.एक्स किसने लाया और किसके वाहन में आया यह पता न चले और सर्जिकल स्ट्राईक में 300 लोगों को मारने की खबर मीडिया में छा जाए तब प्रश्न तो खड़ा होगा चुनाव स...